दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) विभागाध्यक्षों की नियुक्ति के संबंध में जल्द ही एक बड़े बदलाव का प्लान बना रहा है।
केंद्र सरकार ने शुक्रवार को लोकसभा में इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि एम्स दिल्ली के प्रशासन ने फैसला किया है कि विभागाध्यक्षों की बारी-बारी से नियुक्ति की नीति के संबंध में कॉलेजियम सिस्टम लागू की जा सकता है।
क्या एम्स दिल्ली के विभागों में बारी-बारी से प्रमुख बनाने की नीति लागू करने का सरकार का कोई प्रस्ताव है? इस प्रश्न के लिखित उत्तर में स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने लोकसभा को बताया कि इस प्रस्ताव का अध्ययन करने के लिए संस्थान में एक समिति का गठन किया गया था।
पवार ने कहा, ”समिति की सिफारिशों पर विचार किया गया और निर्णय लिया गया कि कॉलेजियम सिस्टम लागू की जा सकती है।”
यह पूछे जाने पर कि क्या केंद्र सरकार के सभी अस्पतालों में विभाग प्रमुखों को ‘रोटेशन’ नीति के आधार पर नियुक्त किया जाता है, पवार ने कहा, ”सरकार ने केंद्र सरकार के अस्पतालों में विभाग प्रमुखों के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य सेवा कैडर से डॉक्टरों के चयन के वास्ते नियुक्ति और मॉडल मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के संबंध में 10 जनवरी, 2023 को स्वास्थ्य मंत्रालय के माध्यम से दिशानिर्देश जारी किए हैं।”
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि जहां तक एम्स-दिल्ली, पीजीआईएमईआर-चंडीगढ़ में बारी-बारी से विभाग प्रमुख बनाने की नीति लागू करने की बात है, फिलहाल कॉलेजियम व्यवस्था लागू की जा सकती है और एक साल बाद स्वास्थ्य मंत्रालय की मंजूरी के साथ नीति को अंतिम रूप दिया जा सकता है।