उत्तराखंड के चमोली में आज 19 जुलाई को दिन में दर्दनाक हादसा हुआ है, जिसमें लगभग 17 लोगों के मरने की खबर आ रही है, हालांकि आसपास के लोगों के मुताबिक यह आंकड़ा कहीं ज्यादा है।
जानकारी के मुताबिक अलकनंदा नदी तट पर नमामि गंगे के सीवर ट्रीटमेंट प्लांट पर करंट फैलने से 17 लोग मर चुके हैं और दर्जनों की हालत नाजुक बनी हुयी है। घायलों का इलाज चमोली जिला अस्पताल में किया जा रहा है।
इस दुर्घटना में मरने वालों में एक पुलिस इंस्पेक्टर और 5 होमगार्ड भी हैं। इनके अलावा सात मजदूर झुलस गये और दो की हालत बहुत ही गंभीर बतायी जा रही है।
फिलहाल उत्तराखण्ड पुलिस और प्रशासन की टीमें बचाव कार्य में जुट गई हैं। घटना के बाद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पूरे मामले की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने चमोली जनपद में हुई दुखद घटना पर गहरा दुःख व्यक्त करते हुए मृतकों की आत्मा की शांति एवं उनके परिवारजनों को दुःख की इस घड़ी में धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से कामना की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चमोली जनपद में बिजली के करंट लगने से 15 लोगों के घायल एवं हताहत होने की सूचना मिली है। जिलाधिकारी चमोली को घटना की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दे दिए गए हैं। बचाव दल घटनास्थल पर पहुंच गए हैं। घायलों को हायर सेंटर रेफर करने के लिए हेलीकॉप्टर की सेवाएं ली जा रही है। सरकार और प्रशासन के द्वारा राहत एवं बचाव कार्य किए जा रहे हैं। अनुमन्य सहायता राशि शीघ्र उपलब्ध कराई जाएगी।
वहीं इस दुर्घटना पर भाकपा माले के राज्य सचिव इंद्रेश मैखुरी कहते हैं, ‘चमोली में नमामि गंगे के तहत बने सीवर ट्रीटमेंट प्लांट में करंट की चपेट में आकर बड़ी संख्या में लोगों का हताहत और घायल होना बेहद दुखद, पीड़ादायक एवं हृदयविदारक है। इस दुर्घटना में प्राण गंवाने वालों को श्रद्धांजलि, उनके परिजनों के प्रति संवेदना तथा घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना है।’
इंद्रेश आगे कहते हैं, ‘हमारी मांग है कि राज्य सरकार मृतकों के आश्रितों को एक करोड़ रुपया मुआवजा एवं एक आश्रित को स्थायी सरकारी नौकरी दे। घायलों के इलाज का समस्त खर्च सरकार वहन करे और पचास लाख रुपया मुआवजा दे। वहीं प्लांट में दो बार करंट फैलने की उच्च स्तरीय जांच की जानी चाहिए।
रात में ड्यूटी पर तैनात कर्मचारी की करंट से मौत के बाद सुबह फिर से करंट फैलाने और लोगों का करंट की चपेट में आना अत्यंत गंभीर है। यह दर्शाता है कि नदी किनारे बने इन सीवर प्लांट्स में किसी भी तरह के सुरक्षा मानकों का ख्याल नहीं रखा गया। करंट फैलने के जिम्मेदारों के विरुद्ध लोगों की हत्या का मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए और समस्त मुआवजा राशि की वसूली होनी चाहिए।’