लोक जनशक्ति पार्टी दो फाड़ पहले ही हो चुकी है। अब पशुपतिनाथ पारस की अगुवाई वाला एक समूह पहले ही भारतीय जनता पार्टी के साथ है।
वहीं, भतीजे चिराग पासवान के नेतृत्व वाले गुट के भी साथ आने की अटकलें जारी हैं। अब कहा जा रहा है कि लोजपा को एक करना भाजपा के लिए सिरदर्द बनता जा रहा है।
खबरें हैं कि केंद्रीय मंत्री पारस ने भतीजे के साथ आने के प्रस्ताव से दूरी बनाते नजर आ रहे हैं। दरअसल, अगर दोनों गुटों में तकरार जारी रही, तो भाजपा के सामने पासवान मतों के बंटने का जोखिम बना रहेगा।
झगड़ा समझें
कहा जा रहा है कि चाचा-भतीजे के बीच हाजीपुर सीट को लेकर बड़ा झगड़ा जारी है। दरअसल, यह सीट दिवंगत राम विलास पासवान का गढ़ रही है और दोनों ही नेता इस विरासत को साधने की कोशिश में हैं।
साल 2019 चुनाव में यहां से पारस ने यहां से जीत हासिल की थी। जबकि, चिराग जमुई से जीते थे। चाचा ने भतीजे के लिए सीट छोड़ने से इनकार कर दिया था।
उखड़े नजर आ रहे हैं पारस
हाल ही में केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने दोनों दलों से मिले थे और पार्टी को एक करने का प्रस्ताव रखा था। खबर है कि पारस की तरफ से इसे अस्वीकार कर दिया गया।
लोजपा नेता ने राय के साथ हुई बैठक को लेकर कहा, ‘उन्होंने कहा कि चाचा, भतीजे को साथ आना चाहिए। मैंने कहा कि ऐसा मुमकिन नहीं है। जब चीजें खराब हो जाती हैं, जब दूध फट जाता है तो आप कितनी भी कोशिशें कर लें, आपको मक्खन नहीं मिलेगा।’
NDA की बैठक के लिए चिराग को न्योता
खास बात है कि भाजपा ने सोमवार को होने वाली एनडीए की बैठक के लिए चिराग को भी न्योता भेजा है। इसे लेकर पारस गुट का कहना है कि वे चिराग के मीटिंग में शामिल होने का विरोध नहीं करेंगे, लेकिन वे उनका स्वागत भी नहीं करेंग। पारस ने कहा, ‘यह चुनावी साल है।
हर पार्टी ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़ना चाहती है…। इसलिए चिराग पासवान और जीतन राम मांझी को न्योता भेजा गया है। लोग बैठक में आएंगे, जो अच्छी बात है। जो कुछ भी होगा वह बैठक के नतीजे पर निर्भर करेगा।’
लालू का क्यों नहीं करते विरोध, पारस का सवाल
पारस ने चिराग पर राष्ट्रीय जनता दल के साथ होने के आरोप लगाए। उन्होंने सवाल किया, ‘क्या आपने कभी भी चिराग पासवान को लालू जी और तेजस्वी यादव का विरोध करते देखा है।’ लोजपा के 6 में से पांच सांसदों का समर्थन पारस को हासिल है।