दलपत की सफाई के लिए की गई मेहनत पर फिरा पानी, लोग इसी में कचरा डाल रहे
जगदलपुर : शहर के सबसे बड़े दलपत सागर तालाब को गंदगी और प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए नगर निगम के द्वारा मशीन लगाकर सफाई की जा रही है। इसके साथ ही दलपत सागर बचाओ अभियान के पदाधिकारी जनप्रतिनधियों और अधिकारियों के साथ ही मिलकर सफाई अभियान चला रहे हैं।
लेकिन इन दोनों की मेहनत पर दलपत सागर के आसपास रहने वाले कुछ लोग और दुकानदार पानी फेर रहे हैं। हालत यह है कि ताालब में पानी कम होने के बाद लोग इसी तालाब में गंदगी लाकर फेंक रहे हैं। इस कचरे में प्लास्टिक की बोतलें और अन्य समान शामिल हैं।
लोगों के द्वारा खुलेआम फेंक जा रहे इस कचरे को रोकने के लिए निगम के द्वारा अब तक कोई उपाय नहीं किया गया है। अधिकारियों की लापरवाही के चलते आने वाले दिनेां में यहां पर बडृे पैमाने पर कचरा के एकत्र होने की बात कही जा रही है।
जानकारी के मुताबिक अभियान के सदस्यों के द्वारा हर सप्ताह में दो दिन तक चलाए जाने वाले इस अभियान में करीब दो क्विंटल से अधिक कचरा निकलता है।
अभियान के सदस्य लगातार लोगों से इस तालाब में कचरा नहीं फेंकने की गुहार और अपील करते हैं। नगर निगम आयुक्त के एस पैकरा ने दलपत सागर की सफाई अभियान लगातार चल रहा है। लोगों से पहले अपील की जाएगी वे दलपत सागर में कचरा नहीं डाले। यदि इसके बाद वे नहीं मानेंगे तो कार्रवाई की जाएगी।
500 रुपए जुर्माना लगाने की योजना नहीं चढ़ी परवान नगर निगम ने दो साल पहले दलपत सागर में डाले जा रहे कचरे को रोकने के लिए नई पहल करते हुए इस तालाब में कचरा डालने के वाले के खिलाफ कार्रवाई करने की योजना बनाई थी।
इसमें कचरा फेंकने वाले पर कार्रवाई के तहत 500 रुपए का जुर्माना लगाने का फैसला लिया गया था। उस समय के निगम आयुक्त प्रेम कुमार पटले ने लोगों को चेतावनी जारी करते हुए कहा था जो भी व्यक्ति इस तालाब में अब कचरा डालेगा उसके खिलाफ कार्रवाई करते हुए उससे 500 रुपए का जुर्माना वसूला जाएगा।
लेकिन आयुक्त के ट्रांसफर के बाद यह याजना अब लगभग बंद हो गई है। गौरतलब है कि दलपत सागर के सौंदर्यीकरण के तहत यहां पर विभिन्न कार्य कराये जा रहे हैं। इस सागर प्रबंधन समिति द्वारा तालाब के आस-पास लगाए गए शासकीय संपति के रखरखाव और स्वच्छता के लिए स्थानीय महिला स्व-सहायता समूह को जिम्मेदारी दी गई थी।