केजरीवाल की दिल्ली यमुना के पानी से हुई बेहाल, इमरजेंसी मीटिंग; 144 लगाई

Latest National News : नईदिल्ली. यमुना नदी के पानी से डूबे इलाके, गर्दन भर पानी में उतरकर दूध लाते बच्चे, गलियों में तैरते लोग, कॉलोनियों में चली नाव, सिर पर भारी-भरकम सामना उड़ाकर सुरक्षित जगह पर जाते लोग… देश की राजधानी दिल्ली का इन दिनों यही हाल है…

बारिश का पानी दिल्लीवासियों के लिए मुसीबत बनता जा रहा है. भीषण बारिश के कारण यमुना का जलस्तर बढ़ जाने से यहां कई निचले इलाके पानी में डूब गए हैं. मौसम विभाग ने येलो अलर्ट जारी कर दिया है. अनुमान है कि 14-16 जुलाई को फिर से बारिश हो सकती है, ऐसे में बाढ़ का खतरा और बढ़ सकता है.

राजधानी दिल्ली में बुधवार को यमुना का जलस्तर 207.55 मीटर तक पहुंच गया जोकि अब तक का सर्वाधिक स्तर है। इससे पहले 1978 में ऐसी बाढ़ आई थी। कई रिहायशी इलाकों में बाढ़ का पानी घुस आया है तो रिंग रोड पर भी चढ़ जाने को बेताब है। हालात बिगड़ते देख मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इमरजेंसी बैठक बुलाई है। वहीं, दिल्ली पुलिस ने बाढ़ प्रभावित इलाकों से लोगों को दूर रखने के लिए धारा 144 लागू कर दी है।

दिल्ली में बुधवार दोपहर करीब एक बजे यमुना का जल स्तर 207.55 मीटर को छू गया। इससे पहले 6 सितंबर 1978 को जलस्तर 207.49 मीटर तक पहुंचा था। हथिनीकुंड बैराज से और अधिक पानी छोड़े जाने की वजह से जलस्तर में इजाफा अभी जारी है। साल के अधिकतर महीनों में बेहद कम पानी वाली नदी में इस तरह के उफान ने निचले इलाके में रहने वाले लोगों को बुरी तरह प्रभावित किया है।

यमुना बेल्ट में बनीं झुग्गियां पहले ही डूब चुकी हैं। अब खतरा यमुना के आसपास बसे कॉलोनियों की ओर बढ़ने लगा है। जैतपुर इलाके में कई स्थानों पर बाढ़ का पानी लोगों के घरों तक पहुंच गया है। एक अधिकारी ने बताया, ‘खड्डा कॉलोनी, विश्वकर्मा कॉलोनी और आसपास के इलाकों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है।’ एक अन्य अधिकारी ने कहा कि जिन बस्तियों में बाढ़ आई है, वे तटबंध के अंदर स्थित हैं। तटबंध इन बस्तियों की रक्षा नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि तटबंध में अभी कहीं दरार नहीं आई है।

सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने बुधवार सुबह नाव से यमुना में जाकर हालात का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि निचले इलाकों में तटबंध बनाए जा रहे हैं ताकि यमुना का जलस्तर बढ़ने पर पानी शहर में ना घुसे। इससे पहले 1978 में जब हथिनीकुंड बैराज से 7 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था तो राजधानी में बाढ़ आ गई थी। उस समय पुराने रेलवे पुल के पास यमुना का स्तर 204.79 मीटर था। तब शहर के कई इलाकों में बाढ़ का पानी घुस गया था। एक अधिकारी ने बताया कि तब से सरकार ने शहर में पानी को घुसने से रोकने के कई इंतजाम किए हैं।

इसलिए यमुना में बढ़ गया जलस्तर

हरियाणा के यमुनानगर में बने हाथिनीकुंड बैराज से लगातार पानी छोड़े जाने के कारण यमुदा का जलस्तर बढ़ रहा है. आज सुबह 9 बजे भी बैराज से 1 लाख 53 हजार 768 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. मंगलवार शाम को 7 बजे बैराज से 2 लाख 42 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया था, जिससे यमुना नदी का जलस्तर बढ़कर 206.69 मीटर हो गया था. फिलहाल नदी के उफान को कम करने के लिए ओखला बैराज के सभी दरवाजे खोल दिए गए हैं.

कश्मीरी गेट के मोंस्टी मार्केट, रिंग रोड, यमुना घाट, यमुना बाजार इलाके में बाढ़ का पानी पहुंच गया है. यहां का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें देखा जा सकता है कि गलियों में घटनों तक पानी बह रहा है. कश्मीरी गेट में गौशाला में यमुना नदी का पानी घुस गया है. आईटीओ पर छठ घाट पानी में पूरी तरह डूब गया है. यमुना नदी से सटे इलाके बहुत संवेदनशील हैं. इन इलाकों में करीब 41 हजार लोग रहते हैं.

लोगों के लिए बनाए गए 2700 टेंट

दिल्ली सरकार के विकास मंत्री गोपाल राय के मुताबिक प्रभावित लोगों के लिए दिल्ली के 6 जिलों में करीब 2700 टेंट बनाए गए हैं. इन टेटों में रहने के लिए अभी तक 27,000 लोगों रजिस्ट्रेशन किया गया है. इस समय राजघाट डीटीसी डिपो में बने राहत शिविरों में 126 लोग रह रहे हैं. ईस्ट डिस्ट्रिक्ट में सबसे ज्यादा लगभग 1700 टेंट, तो नॉर्थ ईस्ट और साउथ में 150 से 200 टेंट लगाए गए हैं. वहीं राहत और बचाव कार्य के लिए 45 नावों को तैनात किया गया है.

यहां बनाए गए हैं राहत शिविर

जानकारी के मुताबिक प्रभावित इलाकों से लोगों को निकालकर अक्षरधाम, गुलमोहर पार्क, चिल्ला से एनएच-24 तक, डीएनडी से निजामुद्दीन फ्लाइओवर और यमुना बैंक से आईटीओ पुल तक बने राहत शिविरों में शिफ्ट कर दिया गया है. इसके अलावा नोएडा-दिल्ली लिंक रोड पर भी राहत शिविर लगाए गए हैं. खादर की झुग्गियों से करीब 27 हजार लोगों को राहत शिविरों में शिफ्ट कर दिया गया है.

8 जुलाई को टूटा 41 साल का रिकॉर्ड

मौसम विभाग के मुताबिक 8 जुलाई को दिल्ली-एनसीआर में हुई भारी बारिश ने 41 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया था. 1982 के बाद से जुलाई में एक दिन में सबसे ज्यादा 153 मिमी बारिश हुई है. इससे पहले 25 जुलाई 1982 को 169.9 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई थी. साल 2003 में 24 घंटे में 133.4 मिमी बारिश हुई थी. वहीं, 2013 में दिल्ली में 123.4 मिमी बारिश हुई थी.

यह वक्त एक-दूसरे पर उंगुली उठाने का नहीं: केजरीवाल

सीएम अरविंद केजरीवाल का कहना है कि वह केंद्रीय जल आयोग के संपर्क में हैं और ऐसी उम्मीद है कि बाढ़ जैसी स्थिति पैदा नहीं होगी. यह वक्त एक दूसरे पर उंगुली उठाने का नहीं है. सभी राज्यों की सरकार को जनता को राहत देने के लिए एकसाथ मिलकर काम करने की जरूरत है. दिल्ली की पीडब्ल्यूडी मंत्री आतिशी ने कहा था कि दिल्ली में यमुना का जलस्तर आगामी मंगलवार को डेंज मार्क से ऊपर चला जाएगा.

यमुना से हर साल निकाली जानी चाहिए गाद: LG

दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने पिछले दिनों यमुना बाजार इलाके का दौरा करने के बाद कहा कि दिल्ली की जनता हर साल होने वाले जलभराव से परेशान है. उनका आरोप है कि यमुना से गाद निकालने का काम नियमित रूप से किया जाना चाहिए, लेकिन ये सफाई नहीं होती।

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