शुक्रवार, रविवार व छुट्टियों के दिनो में गंगरेल में उमडती है हजारों की भीड़, चरमरा जाती है व्यवस्था
धमतरी। प्रदेश के दूसरे सबसे बड़ी बांध गंगरेल में पर्यटकों की संख्या बढ़ते जा रही है। शुक्रवार, रविवार और सरकारी छुट्टियों के दिनों में भीड़ कई गुणा बढ़ जाती है। इससे व्यवस्था चरमरा जाती है पर्यटकों को सुविधाओं के लिए भटकना पड़ता है।
ज्ञात हो कि लगातार गंगरेल बांध में पर्यटकों का आकर्षक बढ़ता जा रहा है। यहां महानदी के तट पर मां अंगारमोती का मंदिर है माता में न सिर्फ धमतरी जिला बल्कि प्रदेश व देश के विभिन्न हिस्सों में बसे में लोगों की अपार आस्था है।
यहां लोग माता के दर्शन करने के साथ ही मनोकामना पूर्ति हेतु मन्नत मांगी जाती है। मन्नत पूरा होने पर जो बकरे की बलि करने की मन्नत मांगते है वो मन्नत पूरा करने बकरे की बलि देते है। पहले सप्ताह में कई दिन बलि दी जाती थी। लेकिन अब बलि सिर्फ दो दिन शुक्रवार और रविवार को ही दी जाती है।
इससे बड़ी संख्या में लोग शुक्रवार और रविवार को गंगरेल पहुंचते है। इसके अतिरिक्त हजारों पर्यटक गंगरेल में पिकनिक मनाने पार्टी करने और वाटर एडवेंचर और टूरिज्म का लुफ्त उठाने पहुंचते है। यह भीड़ छुट्टियों के दिन और ज्यादा हो जाती है।
ऐसे में एक साथ हजारो की संख्या में पर्यटकों के पहुंचने से गंगरेल बांध क्षेत्र में व्यवस्था बिगड़ जाती है। गंगरेल में पार्टी पिकनिक, खानपान के लिए मंदिर परिसर के आसपास जंगलो में एडवेंचर कैम्प मचानहट आदि स्थानों पर लोग पहुंचते है। इसके अतिरिक्त सड़क किनारे या आसपास जंगलो में सुविधानुसार देखकर खानपान करते है।
इस दौरान हजारों की भीड़ के लिए शौचालय, मूत्रालय की कमी हो जाती है। ऐसे में मजबूरन लोगों को खुले में ही करना पड़ता है। इससे भीड़ के दिनों में विशेषकर महिलाओं, युवतियों को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ता है। भारी भीड़ से स्वच्छता भी प्रभावित होती है लोग बचे हुए
खाद्य सामाग्रियों को यहां वहां फेक देते है। साथ ही सिंगल युज प्लास्टिक का भी धड़ल्ले से उपयोग बांध क्षेत्र में होता है। सबसे ज्यादा डिस्पोजल का उपयोग होता है। जिससे कई क्षेत्रो में प्लास्टिक डिस्पोजल का ढेर नजर आता है। ज्यादा भीड़ होने पर पार्किंग भी बड़ी समस्या बन जाती है।
कई बार तो मंदिर से एक से दो किमी दूर तक वाहनों को रुकवाना पड़ता है। ऐसे में लोग मांग कर रहे है कि गंगरेल में बढ़ती भीड़ को ध्यान में रखते हुए सुविधाओं का विस्तार किया जाये ताकि पर्यटन व धार्मिक स्थल में लोगों को परेशानी न हो और स्वच्छता भी बनी रहे।