बारिश का दिल्ली में कहर तोड़ा 41 साल का रिकॉर्ड,CM ने रद्द की मंत्रियों-अफसरों की छुट्टी…

Latest Wather Update News : नईदिल्ली. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पिछले दो दिनों से झमाझम बारिश का दौर जारी है। इससे जुलाई के महीने में 24 घंटे में सर्वाधिक बारिश का 41 वर्ष का रिकॉर्ड टूट गया।

इससे पहले 1982 में हुई थी इतनी बारिश

मौसम विभाग के अनुसार, शनिवार सुबह से जारी बरसात ने दिल्ली में 41 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। सुबह साढ़े आठ बजे तक 153 मिमी वर्षा दर्ज की गई।

वर्ष 1982 के बाद यह 24 घंटे की सबसे ज्यादा बरसात है। इससे पहले 1982 में 169.9 मिमी बारिश हुई थी।

मौसम विभाग ने हालात को देखते हुए येलो अलर्ट जारी किया है, जिसमें मध्यम बारिश की चेतावनी दी गई है, जिससे दिल्ली के निवासियों को अधिक परेशानी हो सकती है। भारी बारिश के कारण पार्क, अंडरपास, बाजार और यहां तक कि अस्पताल परिसर भी जलमग्न हो गए हैं और सड़कों पर जलजमाव होने से यातायात भी प्रभावित हुआ है।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को ट्वीट कर कहा, ”कल दिल्ली में 126 मिलीमीटर बारिश हुई। मॉनसून सीजन की टोटल बारिश का 15% मात्र 12 घंटे में बरसा। लोग जल भराव से काफी परेशान हुए। आज दिल्ली के सभी मंत्री और मेयर प्रॉब्लम वाले एरिया का इंस्पेक्शन करेंगे। सभी विभागों के अफसरों को संडे की छुट्टी कैंसिल करके ग्राउंड पर उतरने के निर्देश दिए हैं।”

बताया जा रहा है कि पश्चिमी विक्षोभ और मॉनसूनी हवाओं के बीच परस्पर क्रिया के कारण उत्तर-पश्चिम भारत में तेज बारिश हो रही है, जिसमें दिल्ली भी शामिल है, जहां मौसम की पहली “बहुत भारी” बारिश दर्ज की गई।

अब से पहले कब-कब हुई रिकॉर्ड तोड़ बारिश

आईएमडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि दिल्ली के प्राथमिक मौसम केंद्र सफदरजंग वेधशाला ने रविवार सुबह 8:30 बजे समाप्त हुए 24 घंटों में 153 मिमी बारिश दर्ज की, जो 25 जुलाई 1982 को 24 घंटे की 169.9 मिमी बारिश के बाद से सबसे अधिक है। आईएमडी के अनुसार, इससे पहले शनिवार को दिल्ली में 24 घंटे के भीतर 126.1 मिलीमीटर (एमएम) बारिश दर्ज की गई थी जो बीते दो दशक में किसी भी एक दिन में हुई सबसे ज्यादा बारिश है।

इससे पूर्व 10 जुलाई 2003 को 133.4 एमएम बारिश हुई थी। इसके बाद 21 जुलाई 2013 को दिल्ली में 123.4 एमएम और वर्ष 2022 में एक जुलाई को 117 एमएम बारिश हुई थी। दिल्ली में एक दिन में सबसे अधिक 266.2 मिलीमीटर बारिश 21 जुलाई, 1958 को हुई थी।

रिज, लोधी रोड और दिल्ली विश्वविद्यालय के मौसम केंद्रों ने क्रमशः 134.5 मिमी, 123.4 मिमी और 118 मिमी वर्षा दर्ज की गई। मौसम कार्यालय के अनुसार, 15 मिमी से कम वर्षा को “हल्की”, 15 मिमी से 64.5 मिमी तक “मध्यम”, 64.5 मिमी से 115.5 मिमी को “भारी” और 115.6 मिमी से 204.4 मिमी को “बहुत भारी” माना जाता है। वहीं, 204.4 मिमी से अधिक की किसी भी मात्रा को “अत्यंत भारी” वर्षा के रूप में वर्गीकृत किया गया है।

पूरे एनसीआर में बारिश से सड़कों पर जलभराव और जाम से जूझे लोग

दिल्ली से सटे नोएडा, गुरुग्राम, गाजियाबाद और फरीदाबाद में भी सुबह से ही भारी बारिश हो रही है। झमाझम बारिश से सड़कों पर जलभराव हो गया है। जहां सड़कों पर हुए निचले इलाकों में जलभराव और जाम ने लोगों की परेशानी बढ़ा रखी है। वहीं कई जगहों पर घरों और सोसाइटियोंं तक में पानी घुस गया है। अंडरपास लबालब होने से जगह-जगह सड़कों पर लंबा जाम लग रहा है। बारिश शुरू होते ही कई इलाकों में बिजली आपूर्ति भी ठप हो गई है, जिसके कारण वाटर पंप नहीं चल पाने से और जलभराव बढ़ता जा रहा है।

रंगों से जानें अलर्ट का मतलब

बता दें कि, मौसम विभाग देश में मौसम संबंधी अलर्ट जारी करने के लिए चार अलग-अलग रंगों का इस्तेमाल करता है:- ग्रीन अलर्ट का अर्थ है किसी कार्रवाई की जरूरत नहीं, येलो अलर्ट का अर्थ है नजर रखें और निगरानी करते रहें, जबकि ऑरेंज अलर्ट तैयार रहने के जारी किया जाता है, और वहीं रेड अलर्ट आवश्यक कार्रवाई या सहायता की जरूरत के लिए जारी किया जाता है।

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