कलेक्टर ने किया कापानार के आश्रम और स्वास्थ्य केन्द्र, कुचेपाल की उचित मूल्य की दुकान और बड़े काकलूर के देवगुड़ी का निरीक्षण
जगदलपुर :- षिक्षकों की कमी दूर करने के लिए स्थानीय युवाओं को अवसर प्रदान करने के दिए निर्देष
कलेक्टर विजय दयाराम के ने शुक्रवार को जिले के अतिसंवेदनषील क्षेत्रों में शामिल रहे बास्तानार विकासखण्ड के ग्राम कापानार और कुचेपाल में संचालित विकास कार्यों का निरीक्षण किया।
उन्होंने कापानार स्थित बालक आश्रम और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के साथ ही कुचेनार में संचालित उचित मूल्य की दुकान का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने आश्रम में शत-प्रतिषत बच्चों की उपस्थिति सुनिष्चित करने के निर्देष दिए।
इसके साथ ही षिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए उन्होंने स्थानीय षिक्षित युवाओं को अवसर उपलब्ध कराने के लिए भी निर्देषित किया। उन्होंने आश्रम-छात्रावासों की मरम्मत के दौरान छतों की मरम्मत का कार्य प्राथमिकता के साथ करने तथा बच्चों को पर्याप्त मात्रा में बिस्तर उपलब्ध कराने के निर्देष भी दिए। उन्होंने यहां निर्मित सभी अतिरिक्त कक्षों का उपयोग सुनिष्चित करने तथा जर्जर अनुपयोगी भवनों को ध्वस्त करने के निर्देष भी दिए।
यहां संचालित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र सह हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का भी निरीक्षण किया। यहां उन्होंने टेली कंसल्टेंसी तथा प्रसव रजिस्टर की जांच की। उन्होंने प्रसव रजिस्टर के आधार पर मासिक गोषवारा तैयार करने के निर्देष भी दिए।
क्चेपाल में उचित मूल्य की दुकान के निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने राषन कार्डधारी हितग्राहियों की जानकारी लेते हुए भंडारण एवं राषन वितरण के संबंध में जानकारी ली।
उन्होंने पुराने बारदानों का सही ढंग से संधारण करने के निर्देष संचालक को दिए। कलेक्टर ने वन नेषन वन राषन के तहत हितग्राहियों के ई-केवासी के प्रगति की जानकारी ली तथा ई-पाॅस मषीन से राषन वितरण सुनिष्चित करने के निर्देष दिए। नेटवर्क की समस्या को दूर करने के लिए उन्होंने नेटवर्क बुस्टर स्थापित करने के निर्देष भी अधिकारियों को दिए।
कलेक्टर ने इसके साथ ही बड़े काकूलर में निर्मित देवगुड़ी का भी निरीक्षण करते हुए ग्रामीणों से बातचीत की। इस दौरान ग्रामीणों ने बताया कि यह गांवकरीन देवगुड़ी है, जो पूरे ग्रामवासियों की आस्था का केन्द्र है तथा यहां के विभिन्न समुदाय के देवी-देवताओं की पूजा यहां की जाती है। यहां विभिन्न अवसरों पर पूजा-पाठ किया जाता है। पहले यह देवगुड़ी चारों तरफ से खुली हुई थी, जिसके कारण कई बार पशु इस स्थान को दुषित कर देते थे। शासन द्वारा दी गई राषि से बाजू में ही नए देवगुड़ी का निर्माण कर लिया गया है तथा वर्षा ऋतु के बाद यहां देवस्थापना का कार्य किया जाएगा।
इस अवसर पर इसी ग्राम में जलनीमाता मंदिर के पुजारी बामन पोयाम ने बताया कि शासन द्वारा संस्कृति के संरक्षण की भूमिका निभाने में सहायक पुजारियों को भी छत्तीसगढ़ शासन द्वारा प्रति वर्ष सात हजार रुपए दिए जा रहे हैं। उन्होंने इसके लिए मुख्यमंत्री बघेल के प्रति आभार भी व्यक्त किया।
ठस अवसर पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जितेन्द्र मीणा, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी प्रकाष सर्वे, कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता आरएस नेताम, अनुविभागीय दण्डाधिकारी ऋतुराज बिसेन, आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त संजय चंदेल, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. आरके चतुर्वेदी, राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम की जिला कार्यक्रम प्रबंधक डाॅ रीना लक्ष्मी, जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सुब्रत प्रधान तहसीलदार आषीष साहू, सहित अधिकारीगण उपस्थित थे।