PM मोदी बोले- गीता प्रेस का कार्यालय करोड़ों लोगों के लिए मंदिर से कम नहीं…

Latest Geeta Press News : गोरखपुर. पीएम नरेंद्र मोदी ने गीता प्रेस के शताब्दी समारोह के शिवपुराण ग्रंथ का विमोचन किया तो वहीं संस्था के 100 सालों के इतिहास को भी याद किया।

उन्होंने कहा कि हमारा सौभाग्य है कि इस मानवीय मिशन की शताब्दी के हम साक्षी बन रहे हैं। इस शताब्दी के मौके पर ही हमारी सरकार ने गांधी शांति पुरस्कार भी दिया है।

गांधी जी का इससे भावनात्मक जुड़ा था। गांधी जी एक समय यहां की कल्याण पत्रिका के लिए लिखते थे।

उनके सुझाव पर ही कल्याण पत्रिका में विज्ञापन नहीं छपते और आज भी इसका अनुसरण जारी है। उन्होंने कहा कि गीता प्रेस दुनिया का इकलौता ऐसा प्रिंटिंग प्रेस हैं, जो सिर्फ एक संस्था नहीं है बल्कि जीवंत आस्था है। यह किसी मंदिर से कम नहीं है।

उन्होंने कहा कि इसके नाम में भी गीता है और काम में भी गीता है और जहां गीता है, वहां साक्षात कृष्ण हैं। फिर जहां कृष्ण हैं, वहां करुणा और कर्म दोनों हैं।

यह संस्था विकास और विरासत का अद्भुत संगम है। 1923 में गीता प्रेस के रूप में यहां जो अध्यात्म की ज्योति जली, आज उससे पूरी मानवता प्रकाशित हो रही है।

मुझे खुशी है कि आज गांधी शाति पुरस्कार गीता प्रेस को मिला है। यह देश की ओर से इसके योगदान और विरासत का सम्मान है। इन 100 सालों में गीता प्रेस ने करोड़ों किताबों को प्रकाशित किया है। गीता प्रेस की पुस्तकों ने विद्या प्रवाह किया है और कितने ही लोगों को आध्यात्मिक तृप्ति दी है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने गुलामी की मानसिकता को छोड़ा है तो इसके पीछे गीता प्रेस का भी एक योगदान है। हमारे पुस्तकालयों को विदेशी आक्रांताओं ने जलाया था। फिर अंग्रेजी राज में गुरुकुलों की व्यवस्था खत्म कर दी गई। हमारे पूज्य ग्रंथ गायब होने लगे थे। आप कल्पना करिए कि गीता और रामायण के बिना हमारा समाज कैसे चला रहा होगा।

जब मूल्यों और आदर्शों के स्रोत ही सूखने लगें तो समाज का प्रवाह थमने लगता है। ऐसे कितने ही पड़ाव आए हैं, जब अधर्म बलवान हुआ है और सत्य पर संकट के बादल मंडराए हैं, तब हमें गीता का संदेश मिलता है कि जब-जब धर्म पर संकट आता है, तब-तब ईश्वर उसकी रक्षा के लिए प्रकट होते हैं।

गीता प्रेस का कार्यालय किसी मंदिर से कम नहीं-पीएम मोदी

पीएम ने कहा कि गीता प्रेस विश्व का ऐसा एकलौता प्रिंटिंग प्रेस है, जो सिर्फ एक संस्था नहीं बल्कि एक जीवंत आस्था है। गीता प्रेस का कार्यालय करोड़ों लोगों के लिए किसी मंदिर से जरा भी कम नहीं है। प्रधानमंत्री ने कहा कि ये समय गुलामी की मानसिकता से मुक्त होकर अपनी विरासत पर गर्व करने का है। आज एक ओर भारत डिजिटल टेक्नोलॉजी में नए रिकॉर्ड बना रहा है। तो साथ ही, सदियों बाद काशी में विश्वनाथ धाम का दिव्य स्वरूप भी देश के सामने प्रकट हुआ है।

हिंदू धार्मिक और आध्यात्मिक पुस्तकों के विश्व के सबसे बड़े प्रकाशन गीता प्रेस के दौरे के दौरान प्रधानमंत्री चित्रमय शिव पुराण ग्रंथ का विमोचन किया। समारोह के दौरान उत्तर प्रदेश के CM योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गीता प्रेस अपनी 100 वर्ष की शानदार यात्रा लेकर आगे बढ़ा है। इस 100 वर्षों की शानदार यात्रा में विगत 75 वर्षों में कोई प्रधानमंत्री आज तक गीता प्रेस में नहीं आया क्योंकि गीता प्रेस भारत की मूल आत्मा को जागृत करने का काम किया है। 2021 के गांधी शांति पुरुस्कार के योगदान को सम्मानित करने का कार्य किया।

गीता प्रेस के ग्रंथों से जुड़ीं हमारी पीढ़ियां: पीएम मोदी

पीएम बोले, ‘1923 में जब गीता प्रेस ने काम करना शुरू किया तो ग्रंथ भारत के घर-घर पहुंचने लगे। इन ग्रंथों से नई पीढ़ियां जुड़ने लगीं और आने वाली पीढ़ियां भी इससे जुड़ने लगीं। यह इस बात का प्रमाण है कि जब आपके मूल्य पवित्र होते हैं तो सफलता आपका प्रयाय बन जाती है। गीता प्रेस एक ऐसा संस्थान है, जिसने हमेशा सामाजिक मूल्यों को समृद्ध किया है और लोगों को कर्तव्यपथ का मार्ग दिखाया है।’ पीएम ने कहा, ‘संतों की तपस्या कभी निष्फल नहीं होती। उनके संकल्प कभी शून्य नहीं होते। इन्हीं संकल्पों का परिणाम है कि आज हमारा भारत सफलता के नए प्रतिमान स्थापित कर रहा है। मैंने लालकिले से कहा था कि यह समय अपनी विरासत पर गर्व का है।’

दो वंदे भारत ट्रेनों का भी उद्घाटन करने वाले हैं पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि गीता प्रेस के इस कार्यक्रम के बाद मैं गोरखपुर रेलवे स्टेशन जाऊंगा। आज से ही स्टेशन परिसर का पुनर्विकास शुरू होने जा रहा है। मैंने जब से सोशल मीडिया पर तस्वीरें डाली हैं, तब से ही लोग हैरान हैं कि आखिर कैसे इस तरह के स्टेशन हो सकते हैं। पीएम मोदी ने कहा कि आज दो वंदे भारत ट्रेनों का भी संचालन शुरू होगा। आज देश के कोने-कोने से लोग पत्र लिखकर मांग करते हैं कि हमारे इलाके से भी वंदे भारत एक्सप्रेस चलाइए।

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