माओवादियों का फरमान-गांव से निकल जाओ, नहीं तो मारे जाओगे, SP बोले-डेढ़ लाख लोग घर खाली किए
बीजापुर :- छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में नक्सलियों ने एक गांव के 3 परिवार को गांव से बेदखल कर दिया है। कई एकड़ खेत और मवेशियों को छोड़कर ग्रामीण दूसरे जिले में अपने रिश्तेदारों के घर चले गए हैं।
इनका कसूर सिर्फ इतना था कि, इनके परिवार के सदस्य पुलिस और CRPF फोर्स में भर्ती हो गए हैं। नक्सलियों ने सजा के तौर पर परिवार वालों का घर खाली करवा दिया है। उन्हें गांव से निकाल दिया। इस संबंध में बीजापुर के SP आंजनेय वार्ष्णेय ने कहा कि, यह कोई नई बात नहीं है। डेढ़ लाख लोग घर खाली कर चुके हैं।
दरअसल, यह मामला बीजापुर जिले के दरभा गांव का है। इलाका नक्सल प्रभावित है। पीड़ित परिवार के सदस्यों का कहना है कि, 2 दिन पहले आधी रात को करीब 30 से 35 की संख्या में हथियारबंद नक्सली गांव पहुंचे थे।
जिन तीन परिवार के लड़के फोर्स में भर्ती हुए हैं उन तीनों परिवार के घर पहुंचकर परिवार के मुखिया को घर से उठाया। उनकी आंखों में पट्टी और हाथ बांधकर जंगल की तरफ लेकर गए थे। जहां कुछ और नक्सली मौजूद थे। फिर उन्हें धमकी दी। साथ ही तुरंत घर खाली कर गांव छोड़ने को कह दिया।
जिसके बाद नक्सलियों के डर से तीनों परिवार के सदस्यों ने अगले दिन घर खाली कर दिया है। इनमें से एक परिवार के सदस्य दंतेवाड़ा के टिकनपाल गांव में अपने रिश्तेदार के घर आ गए हैं।
वहीं अन्य 2 कहां गए हैं इस बारे में फिलहाल कोई जानकारी सामने नहीं आई है। ग्रामीणों ने बताया कि, जिस समय वे घर खाली कर रहे थे तो पूरे गांव के लोग उनके पास आए थे। घर के सामान को पिकअप में लोड करवाने मदद की।
नक्सलियों के इस फरमान के बाद तीन परिवार के सदस्य समेत उस गांव के ग्रामीण काफी डरे हुए हैं। परिजनों का कहना है कि, एक तरफ पुलिस और दूसरी तरफ नक्सली दोनों से हमें खतरा है। अब हम जाएं तो आखिर जाएं कहां। इन परिवार के सदस्यों को नक्सलियों का खौफ है। इसलिए हम इनके चेहरे और जो युवा फोर्स में भर्ती हुए हैं उनके नाम उजागर नहीं कर रहे हैं।
SP बोले- कोई नई बात नहीं
इस मामले पर बीजापुर के SP आंजनेय वार्ष्णेय ने दैनिक भास्कर के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि, यह कोई नई बात नहीं है। डेढ़ लाख लोग अपने घर और गांव को छोड़ चुके हैं।
सलवा जुडूम के समय कइयों ने घर खाली किया है। जब SP से पूछा गया कि हाल ही में सामने आए इस मामले में शिकायत हुई है या नहीं? तो इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि, शिकायतों का क्या है, वो तो आते रहती हैं। उन्हें समझा कर वापस कर देते हैं।
युवाओं को मिला रोजगार
बस्तर के अंदरूनी इलाके के युवाओं को रोजगार देने के उद्देश्य से हाल ही में DRG और CRPF में स्थानीय युवाओं की भर्ती हुई है। फोर्स में स्थानीय युवाओं की भर्ती से एक तरफ जहां सबसे ज्यादा फायदा फोर्स को है तो इसका उल्टा नुकसान नक्सलियों को हो रहा है।
क्योंकि, अब युवा नक्सल संगठन में शामिल होने की बजाए रोजगार के लिए फोर्स में भर्ती हो रहे हैं। जल-जंगल-जमीन से अच्छी तरह वाकिफ होने की वजह से नक्सलियों को इनसे खतरा महसूस हो रहा है। ऑपरेशन में ये काफी मददगार साबित होंगे।