मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की UCC का विरोध करने की जनता से अपील

Latest National News : तिरुवनन्तपुरम. प्रधानमंत्री मोदी ने 27 जून को भोपाल में देशभर में यूनिफॉर्म सिविल कोड जल्द लागू करने की वकालत की थी। PM ने कहा- यूनिफॉर्म सिविल कोड पर लोगों को भड़काया जा रहा है। एक घर दो कानूनों से नहीं चल सकता। BJP यह भ्रम दूर करेगी।

इससे देश में बहस शुरू हो गई है। राजनीतिक दल, पर्सनल लॉ से जुड़ी संस्थाए पक्ष-विपक्ष में आ गई हैं। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड इसी मुद्दे पर चर्चा करने वर्चुअली मीटिंग की। बोर्ड ने लोगों से इसका विरोध करने की अपील की।

इसके उलट केरल गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान का कहना है कि 40 साल बाद पीढ़ियां PM मोदी को तीन तलाक खत्म करने के लिए याद करेंगी। इस्लामी कानून भेदभाव करते हैं। 90% कानूनों का कुरान से कोई लेना-देना नहीं है।

जनता से विरोध करने की करेंगे अपील

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) बुधवार को होने वाली बैठक में यूसीसी के खिलाफ अधिक से अधिक संख्या में आवाज उठाने के लिए जनता से अपील भी करेगी। बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी पिछले दिनों भोपाल में पीएम मोदी के यूसीसी पर आए बयान पर कहा था कि सामान नागरिक संहिता देशहित में नहीं है। उन्होंने कहा था कि इससे देश की राष्ट्रीय एकता प्रभावित होगी। रहमानी ने कहा था कि यूसीसी की प्रस्तावित रूपरेखा कई मामलों में शरीयत के पारिवारिक मामलों से टकराती है। ऐसे में धार्मिक नजरिये से मुसलमानों के लिए यह बिल्कुल अस्वीकार्य है।

केरल LG ने और क्या-क्या कहा… 3 बड़ी बातें…

1. कानून बदल सकते हैं, लेकिन आदतें कैसे बदलें

खान ने कहा कि यूसीसी समय की मांग है। आप कानून बदल सकते हैं, लेकिन आदतें बहुत मुश्किल से बदलती हैं। कुछ लोगों की वोट बैंक के लिए धर्म का प्रदर्शन करने की आदत है।इसलिए उनसे किसी समझदारी की उम्मीद करना बेमानी होगी।

2. ट्रिपल तलाक के केस 5 साल में 95% घटे

पीएम मोदी ने 2019 में ट्रिपल तलाक खत्म किया। तब से आज तक मुस्लिमों में ट्रिपल तलाक के मामलों में 95% की कमी आई। फायदा उन महिलाओं को हुआ, जो तीन तलाक के बाद दर-बदर भटकी थीं। इन कानून से उनकी जिंदगी बदल गई।

3. न्याय करते वक्त कोर्ट धर्म नहीं पूछेगा

UCC लागू होने के बाद अगर दो महिलाएं समान परिस्थितियों में कोर्ट जाती हैं तो कोर्ट उनसे उनका धर्म नहीं पूछेगा, बल्कि समान रूप से न्याय करेगा। जिसे पाना हर नागरिक का हक है। यूनिफार्म सिविल कोड यही बात सुनिश्चित करेगा।

नॉर्थ ईस्ट के आदिवासियों को प्रभावित नहीं करेगा UCC: पूर्व जूनियर लॉ मिनिस्टर एसपी सिंह बघेल ने कहा कि संविधान की 6वीं अनुसूची के मुताबिक नॉर्थ ईस्ट के आदिवासी क्षेत्रों पर तब तक कुछ भी लागू नहीं होगा जब तक कि उनकी अपनी राज्य विधानसभाएं केंद्र के फैसले की पुष्टि नहीं कर देतीं।

RSS का दावा- विरोध से ज्यादा लोग तो पक्ष में हैं: इंद्रेश कुमार बोले- विरोध से ज्यादा लोग इसके पक्ष में हैं। इसके लागू होने से धार्मिक संस्कार और छुआछूत खत्म हो जाएगी। महिलाओं पर अत्याचार खत्म करेगा। लोग एकजुट होंगे और स्वतंत्र रूप से अपने धर्म का पालन कर सकेंगे।

UCC को नॉर्थ ईस्ट में लागू न किया जाए: नागा जनजातियों की संस्था नागा होहो के महासचिव के एलु एनदांग ने कहा कि जरूरी नहीं कि UCC नागा लोगों या आदिवासियों के लिए सही हो। ये उनको नुकसान भी पहुंचा सकता है। केंद्र सरकार पूर्वोत्तर, विशेष तौर पर नगालैंड में इसे लागू करने पर दोबारा विचार करे।

कानूनी लड़ाई लड़ेगा केरल मुस्लिम समुदाय: केरल में इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के प्रदेश अध्यक्ष पनक्कड़ सैय्यद सादिक अली शिहाब थंगल ने कहा है कि यदि यूसीसी लागू किया जाता है, तो यह न केवल मुसलमानों बल्कि दूसरे लोगों पर भी असर डालेगा। इसलिए हम इसके खिलाफ कानूनी और राजनीतिक लड़ाई लड़ेंगे।

केरल कांग्रेस की आज करेगा मीटिंग : बुधवार को केरल कांग्रेस बैठक कर रही है। इसमें यूसीसी पर चर्चा हो सकती है। केरल विधानसभा में विपक्ष के नेता वीडी सतीसन ने भी आरोप लगाया था कि BJP लोगों को बांटने के लिए यूसीसी ला रही है। फिलहाल इसकी कोई जरूरत नहीं है।

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