गुजरात हाईकोर्ट ने 2013 के बलात्कार मामले में स्वयंभू बाबा आसाराम की पत्नी, बेटी और तीन महिला शिष्यों को नोटिस जारी किए।
इस मामले में इन महिलाओं को बरी कर दिया गया था, जबकि आसाराम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।
जस्टिस ए.वाई. कोगजे और जस्टिस हसमुख सुथार की डिविजन बेंच ने आसाराम की पत्नी लक्ष्मीबेन और बेटी भारतीबेन समेत पांच महिलाओं को नोटिस जारी किए।
अदालत ने अपील दायर करने में 29 दिनों की देरी को नोट किया और प्रतिवादियों को नोटिस जारी किया।
गांधीनगर की एक अदालत ने 2013 में एक पूर्व महिला अनुयायी द्वारा दायर बलात्कार मामले में 31 जनवरी को आसाराम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
पीड़िता के भागने से पहले अहमदाबाद के पास मोटेरा में आसाराम के आश्रम में 2001 से 2007 के बीच महिला से कई बार बलात्कार किया गया था।
आसाराम की पत्नी लक्ष्मीबेन, बेटी भारती और चार अनुयायियों पर अपराध में सहायता करने और उकसाने का आरोप था। अदालत ने सबूत के अभाव में उन्हें बरी कर दिया था।
राज्य के विधि विभाग ने छह मई 2023 को अभियोजन पक्ष को उनके बरी होने के खिलाफ अपील दायर करने का निर्देश दिया था। बरी किए गए छह में से पांच लोगों के खिलाफ अपील दायर की गई है।
आसाराम (81) 2013 में राजस्थान में अपने आश्रम में एक नाबालिग लड़की से बलात्कार के एक अन्य मामले में जोधपुर की जेल में बंद है।