समान नागरिक संहिता को लेकर विपक्षी दल तो दो खेमे में बंटे ही हैं, अब राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में भी दरार दिखने लगा है।
मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने शुक्रवार को कहा कि समान नागरिक संहिता भारत के विचार के खिलाफ है। नेशनल पीपुल्स पार्टी प्रमुख ने कहा, “भारत एक विविधतापूर्ण देश है और विविधता ही हमारी ताकत है।
समान नागरिक संहिता का अब तक का नजरिया भारत के विचार के ही खिलाफ है।” आपको बता दें कि यहां बीजेपी और एनपीपी साथ मिलकर सरकार चला रही है।
संगमा ने कहा कि पूर्वोत्तर को एक अनूठी संस्कृति और समाज मिला है और वह ऐसा ही रहना चाहेंगे। अपने राज्य का उदाहरण देते हुए संगमा ने कहा, “उदाहरण के लिए हम एक मातृसत्तात्मक समाज हैं और यही हमारी ताकत रही है और यही हमारी संस्कृति रही है। अब इसे हमारे लिए नहीं बदला जा सकता है।”
हालांकि, एनपीपी प्रमुख ने कहा कि यूसीसी ड्राफ्ट की वास्तविक सामग्री देखे बिना इसके बारे में और कुछ भी कहना मुश्किल होगा। उन्होंने कहा, “बेशक, हम नहीं जानते कि अगर बिल आएगा तो किस तरह का होगा। इसलिए, ड्राफ्ट की वास्तविक सामग्री देखे बिना इसके विवरण में जाना मुश्किल होगा।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में इसकी वकालत की थी। अब तक दो प्रमुख विपक्षी दल – आम आदमी पार्टी और शिव सेना (यूबीटी) ने समान नागरिक संहिता के लिए केंद्र के दबाव का समर्थन किया है, जबकि कई अन्य दलों ने इसका विरोध किया है।
आपको बता दें कि मेघालय में सरकार बनाने के लिए भाजपा ने संगमा की नेशनल पीपुल्स पार्टी को समर्थन दिया था। भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर सहयोगी भाजपा से अनबन के बाद संगमा की पार्टी ने अकेले चुनाव लड़ा था।
सूत्रों के मुताबिक, केंद्र सरकार अगले महीने शुरू होने वाले संसद के मॉनसून सत्र में समान नागरिक संहिता लागू करने पर एक विधेयक पेश कर सकती है।