बीजापुर : छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग आदिवासी अनुसूचित जनजाति क्षेत्र है जहां आदिवासियों के अलावा अन्य पिछड़ा वर्ग के लोग निवास करते है वही बात करें अन्य पिछड़ा वर्ग के छत्तीसगढ़ में 39 जातियों के लोग निवास करते हैं। कहें तो सर्वेक्षण के मुताबिक देश में 50 प्रतिशत से ज्यादा लगभग है ,
यह आदिवासियों के बाद पिछड़ा वर्ग दूसरे नंबर पर सरकार के द्वारा लगातार सर्वे के बाद सर्वे किए जाते हैं लेकिन सर्वे रिपोर्ट जारी नहीं की जाती अन्य पिछड़ा वर्ग के लोग जितने मौजूद है । उसके अनुसार आरक्षण अलग ही बनता है वर्तमान आरक्षण से लेकिन बस्तर व छत्तीसगढ़ की स्थिति वां परिस्थितियां अलग है
और यहां पर एक बड़ी आबादी में अन्य पिछड़ा वर्ग के लोग निवास करते हैं। छत्तीसगढ़ के बीजापुर में सर्व पिछड़ा वर्ग पंजीकृत संस्था है. जिसमें ओबीसी वर्ग में आने वाले 20 सामाजिक वर्ग कुंबी, मरार, कलार, नाई, कुम्हार, यादव, पद्मशाली, लोहार, साहू, हलवाई, धाकड़, तेलगा, विश्वकर्मा, भोई/निषाद, कोस्टा, दर्जी, धोबी, सोनार, पटेल , कुर्मी व धोबी समाज प्रमुख व सदस्य बैठक में शामिल हुए।
वही जिले में ओबीसी वर्ग को एकजुट करने में संस्था वर्तमान में कार्य कर रहा है, इसके पूर्व भी कई सालों से लगातार अन्य पिछड़ा वर्ग काम कर रहा था पर बड़े स्तर पर किसी तरह आयोजन नहीं कर पाया जिला स्तरीय जिले में जिस अनुसूची में अन्य पिछड़ा वर्ग के लोग रहते हैं
समाज के वारिष्ठों का कहना है कि आदिवासी बहुमूल्य क्षेत्र है पर जिस अनुसूची में आदिवासी रहते, उसी अनुसूची में अन्य पिछड़ा वर्ग के लोग भी रहते हैं इनकी मांग आदिवासी को आरक्षण दीजिए अनुसूची में शामिल कीजिए, वही ओबीसी को भी इस अनुसूची पेशा कानून में शामिल कीजिए ओबीसी वर्ग के लोग भी कई पीढ़ियों से या निवास है
अगर बात करें आदिवासी परंपराओं में अन्य पिछड़ा वर्ग में आने वाले लोगों की मुख्य भूमिका रहती है जैसे जो आदिवासी देवी देवता हैं जिनके पास जो दीपक जलता वह कुम्हार के पास से जाता है दारू कलार के पास से ऐसे ही अन्य ओबीसी वर्ग लोग अपनी महत्वपूर्ण भूमिका के साथ ही क्षेत्र की परंपराओं में अपनी योगदान देते हैं ।
आज जिला बीजापुर की बात करें ओबीसी वर्ग की छात्राओं के लिए कोई भी छात्रावास मौजूद नहीं है छात्रों के लिए एक मात्र छात्रावास है । उनके लिए किसी भी तरह सरकारी सुविधाएं नहीं जबकि कई पीढ़ियों से रहने के बाद भी इस वर्ग को अनदेखा किया जाता है
जबकि एक तरफ जिम्मेदार और क्षेत्र के बड़े वरिष्ठ सामाजिक लोगों के द्वारा भी लगातार मांग किया जाता है। अन्य पिछड़ा वर्ग को भी सुविधाएं दिया जाए पर धरातल पर बिल्कुल नहीं मिल रहा है यही वजह है कि अब ओबीसी वर्ग जिला स्तर वां संभाग स्तर पर एकजुट होने की मुहिम छेड़ चुके है।
सर्वसम्मति से नवनिर्वाचित पदाधिकारी ब्लॉक इकाई का गठन करते हुए संरक्षक तिरुपति कटला , अवधेश साहू , ब्लाक अध्यक्ष जितेंद्र कोंड्रा, उपाध्यक्ष सदाशिव यादव , जीएल सांबैय्या, सचिव मनोज कावटी, देवेंद्र उप्पल, कोषाध्यक्ष राजेंद्र इंजापुरी, डी. माधव राव, वरिष्ठ प्रवक्ता अभिषेक साहा,
टी विजय कुमार, महामंत्री नरेंद्र साहू, संगठन मंत्री वेंकटरमना पड़ाला, वरिष्ठ सलाहकार संतोष गुप्ता, कन्नन यशराज, सल्ला प्रताप यादव एवं मीडिया प्रभारी घनश्याम यादव, कन्नम संतोष को सर्वसम्मति से चुने गए इसके अलावा सभी समाजों के मुख्य ,व समाज के लोग बड़ी संख्या में मौजूद थे। जिले के पदाधिकारी नहीं चुने गए, आने वाले आगामी दिनों में चुने जाने की सहमति बनी।