विधानसभा चुनाव 2023 से पहले कांग्रेस के सामने छत्तीसगढ़ में भी संकट खड़ा होता नजर आ रहा है।
खबर है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मोहन मरकाम के बीच सबकुछ ठीक नहीं है। कहा जा रहा है कि सीएम बघेल ने कांग्रेस आलाकमान के सामने प्रदेश अध्यक्ष को बदलवाने की मांग भी रख दी है।
खास बात है कि छत्तीसगढ़ में आदिवासी आबादी काफी ज्यादा और मरकाम आदिवासी समुदाय से आते हैं।
एक मीडिया रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि बघेल ने कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व के सामने ऐसे नेता को कमान सौंपने के लिए कहा है, जो उनके साथ विधानसभा और लोकसभा चुनाव की तैयारियों के लिए नजदीकी से काम कर सके।
सीएम को इस बात का भी शक है कि मरकाम ने उनके प्रतिद्वंदी टीएस सिंह देव से हाथ मिला लिया है। खास बात है कि छत्तीसगढ़ की सियासत में बघेल बनाम देव बीते विधानसभा चुनाव से ही चला आ रहा है।
बीते साल भी यह विवाद फिर जोर पकड़ता नजर आया था। कहा जा रहा था कि देव समर्थकों ने उन्हें सीएम बनाने के लिए आवाज उठानी शुरू कर दी थी। तब भी मामला दिल्ली तक पहुंच गया था।
रोटेशनल सीएम का फॉर्मूला!
साल 2018 विधानसभा चुनाव के बाद देव भी छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री पद की रेस में शामिल माने जा रहे थे। हालांकि, अंत में कांग्रेस आलाकमान ने बघेल के हाथों कमान सौंप दी।
खबरें ये भी थी कि कांग्रेस ने राज्य में इस विवाद को खत्म करने के लिए रोटेशनल सीएम का फॉर्मूला तय किया था, जिसके तहत ढाई साल बघेल और ढाई साल देव सीएम रहेंगे। हालांकि, इसे लेकर कभी कांग्रेस ने खुलकर कुछ नहीं कहा।
कांग्रेस क्यों चिंतित
अब कहा जा रहा है कि बघेल की इस मांग के सामने कांग्रेस भी चिंतित नजर आ रही है। दरअसल, चुनाव से कुछ महीने पहले ही पार्टी आदिवासी नेता को पद से हटाने का जोखिम नहीं उठाना चाहती है।
खबर है कि कांग्रेस नेतृत्व ने बघेल को मरकाम के लिए कैबिनेट में जगह तलाशने के लिए कहा है। छत्तीसगढ़ के अलावा 2023 के अंत तक पड़ोसी मध्य प्रदेश, राजस्थान और तेलंगाना में चुनाव हो सकते हैं।
देव के पार्टी छोड़ने की अटकलें
हाल ही में अटकलें लग रहीं थी कि देव कांग्रेस छोड़ सकते हैं। हालांकि, उन्होंने कुछ दिनों पहले खुद ही साफ कर दिया है कि वह न ही कांग्रेस छोड़ रहे हैं और न ही किसी अन्य दल में शामिल होने का मन बना रहे हैं।
स्वास्थ्य मंत्री ने दावा किया था कि भारतीय जनता पार्टी, आम आदमी पार्टी और अन्य दलों की तरफ से उन्हें पेशकश की गई थी।