नेपाल में प्रधानमंत्री प्रचंड की मुश्किल बढ़ गई है।
उनके खिलाफ राजशाही के खिलाफ दशकभर लंबे युद्ध में बाल सैनिकों के उपयोग के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है।
आरोप है कि माओवादी सुप्रीम कमांडर रहते हुए पुष्प कमल दाहाल ‘प्रचंड’ ने बाल सैनिकों का इस्तेमाल किया था। इसके खिलाफ मुकदमा चलाने का अनुरोध करने के लिए यह रिट याचिका दाखिल की गई है।
यह रिट याचिका पूर्व बाल सैनिक लेनिन बिस्टा ने दाखिल की है। बिस्टा ने उच्चतम न्यायालय में रिट याचिका दायर कर दावा किया है कि (माओवादियों के) तत्कालीन नेतृत्व ने माओवादी युद्ध के दौरान बाल सैनिकों का उपयोग कर अंतरराष्ट्रीय मानवता कानून का उल्लंघन किया है। प्रचंड पूर्ववर्ती विद्रोही माओवादी पार्टी के प्रमुख और पूर्व अध्यक्ष बाबूराम भट्टाराई दूसरे नंबर पर थे।
अदालत के सूत्रों के अनुसार, याचिकाकर्ता ने प्रचंड और भट्टाराई के खिलाफ मुकदमा चलाने का अनुरोध करते हुए दलील दी है कि उनके जैसे मूर्ख नाबालिगों का बाल सैनिकों के रूप में उपयोग युद्ध अपराध है।
इससे पहले उच्चतम न्यायालय प्रशासन ने बिस्टा की याचिका को पंजीकृत करने से इंकार कर दिया था। उसके बाद याचिकाकर्ता अदालत पहुंचा।