अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप पर ये आरोप लगते हैं कि सत्ता में रहते हुए उन्होंने किसी की नहीं सुनी।
यहां तक कि न्याय विभाग की आपत्तियों के बावजूद भी उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में रूसी हस्तक्षेप से संबंधित एफबीआई के गुप्त दस्तावेजों के एक बैच को लीक कर दिया।
अब चुनाव हारने और व्हाइट हाउस छोड़ने के तीन साल बाद, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर सरकारी दस्तावेजों की चोरी के नए आरोप लगे हैं।
ट्रंप पर अमेरिकी फेडरल कोर्ट में कैपिटल हिल्स पर हमले के लिए उकसाने से लेकर पोर्न स्टार को रिश्वत देने, इनकम टैक्स फ्रॉड करने, न्यायपालिका को अवैध तरीके से प्रभावित करने की कोशिश करने सहित कुल 34 मामलों में आरोप लगाया गया है।
गुरुवार को ट्रंप ने खुद अपने सोशल मीडिया ‘ट्रुथ सोशल’ पर कहा कि फ्लोरिडा के मियामी की अदालत ने सरकारी दस्तावेजों की चोरी के मामले में मंगलवार को उन्हें तलब किया था। ट्रम्प ने कहा, “मुझे अपने वकीलों से पता चला है कि मुझे सरकारी दस्तावेजों के मामले में जो बिडेन प्रशासन की तरफ से आरोपित किया गया है।”
क्या थी शिकायत क्या है?
20 जनवरी, 2021 को संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में ट्रंप का कार्यकाल आधिकारिक रूप से समाप्त हो रहा था। उस देश के ‘प्रेसिडेंशियल रिकॉर्ड्स एक्ट’ के मुताबिक अमेरिकी राष्ट्रपति का कार्यकाल खत्म होने के बाद कोई भी व्यक्ति किसी भी सरकारी दस्तावेज को अपने पास नहीं रख सकता है।
लेकिन ट्रंप कथित तौर पर व्हाइट हाउस से निकलते वक्त निजी दस्तावेजों के साथ अहम और गोपनीय सरकारी दस्तावेज भी साथ ले गए।
फ्लोरिडा के पाम बीच में मार-ए-लागो रिसॉर्ट में अपने महलनुमा घर उन दस्तावेजों को रखा। अगर यह आरोप साबित हो जाता है तो ट्रंप 2024 का राष्ट्रपति चुनाव नहीं लड़ पाएंगे।
कैसे सामने आई शिकायत?
अमेरिका के ‘नेशनल आर्काइव्स एंड रिकॉर्ड्स एडमिनिस्ट्रेशन’ के अधिकारियों ने 2021 में दस्तावेजों की समीक्षा के बाद पता लगाया है कि कई महत्वपूर्ण और गोपनीय दस्तावेज गायब हैं! उन्होंने जल्दी से पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप के कार्यालय के प्रतिनिधियों से इस मामले में जवाब मांगा।
यह खबर अमेरिकी खुफिया एजेंसी एफबीआई के पास भी गई। दिसंबर 2021 में ट्रंप के दफ्तर के एक अधिकारी ने बताया कि फ्लोरिडा वाले घर में कुछ जरूरी दस्तावेज रखे गए हैं। इसके बाद जनवरी 2022 में एफबीआई ने छापेमारी कर 15 पेटी दस्तावेज बरामद किए।
झूठ बोलने का आरोप
अगस्त 2022 में मियामी की एक अदालत में दायर 32 पन्नों के हलफनामे में एफबीआई ने ट्रंप पर गोपनीय सरकारी दस्तावेजों को बिना अनुमति के अपने पास रखने का आरोप लगाया था। कुछ दिनों सूचना मिलने के बाद एफबीआई ने ट्रंप के घर फिर से छापा मारा। इस बार 33 बक्सों में भरे करीब 11 हजार सरकारी दस्तावेज बरामद किए गए।
जिनमें से 100 ‘गोपनीय’ हैं। इनमें राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े दस्तावेज भी थे। कुल मिलाकर, जांचकर्ताओं का दावा है कि ट्रंप के फ्लोरिडा स्थित घर से 300 ‘कॉन्फिडेंशियल’, ‘टॉप सीक्रेट’ और ‘क्लासिफाइड’ फाइलें बरामद की गईं।
अमेरिकी अटॉर्नी जनरल मेरिक गारलैंड ने पिछले साल जैक स्मिथ को सरकारी दस्तावेजों की बरामदगी की जांच का नेतृत्व करने के लिए ‘विशेष वकील’ के रूप में नियुक्त किया था।
राष्ट्रपति जो बाइडेन के करीबी गारलैंड डेमोक्रेटिक पार्टी से जुड़े हैं। ट्रंप ने आरोप लगाया है कि उनके खिलाफ राजनीतिक मकसद से जांच की जा रही है। स्मिथ ने कहा कि अदालत को सौंपी गई उनकी रिपोर्ट में ट्रंप के खिलाफ सरकारी दस्तावेजों को अवैध रूप से रखने के आरोपों का सार है।
ट्रंप का क्या होगा?
अमेरिकी कानून के तहत जनहित के मामलों की जांच के लिए विशेष वकील नियुक्त किया जा सकता है। अपनी रिपोर्ट में पेश किए गए सबूतों की जांच के बाद ‘ग्रैंड ज्यूरी’ तय करेगी कि जांच के दायरे में आने वाले व्यक्ति को औपचारिक रूप से अदालत में ‘आरोपित’ किया जाएगा या नहीं।
अगर ग्रैंड जूरी इसे मंजूरी दे देती है तो मियामी की एक अदालत ट्रंप के खिलाफ मुकदमे की प्रक्रिया शुरू कर देगी। ट्रंप ने कहा कि उनकी पहचान पहले ही ‘आरोपी’ के तौर पर हो चुकी है।
हालांकि, अभी यह साफ नहीं है कि सरकारी दस्तावेजों की चोरी के इस मामले में ट्रंप के अलावा किसी और के खिलाफ जांच चल रही है या नहीं।
संयोग से इसी साल जनवरी में ट्रंप के पूर्व उपराष्ट्रपति माइक पेंस के घर से गुप्त सरकारी दस्तावेज जब्त किए गए थे। लेकिन जांच एजेंसी का दावा है कि उसने आरोपों को छिपाने या जांच में बाधा डालने की कोशिश नहीं की।