कनाडा से जबरन भारत वापसी का सामना कर रहे 700 के करीब भारतीय छात्र कनाडा में सड़कों पर उतरे हैं।
बड़ी संख्या में भारतीय छात्रों पर “फर्जी ऑफर लेटर के जरिए एडमिशन” लेने का आरोप है। इनमें से ज्यादातर पंजाब राज्य से हैं।
अब ये छात्र संभावित निर्वासन के खिलाफ कनाडा की सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं। छात्रों के प्रदर्शन को एक सप्ताह से भी अधिक समय हो गया है।
वे 29 मई से “अनिश्चितकालीन धरने” के लिए कनाडा सीमा सेवा एजेंसी (CBSA) के मुख्य कार्यालय के बाहर, मिसिसॉगा के एयरपोर्ट रोड पर एकत्र हुए हैं।
पंजाब के लवप्रीत सिंह को सबसे पहले 13 जून को डिपोर्ट किया गया था, उसके बाद जल्द ही एक दर्जन और छात्रों को डिपोर्ट किया गया।
पिछले कुछ वर्षों में, हर साल 2.5 लाख से अधिक छात्र पंजाब से दूसरे देशों, मुख्य रूप से कनाडा में पलायन कर रहे हैं। लवप्रीत सितंबर 2017 में लैंबटन कॉलेज में मैनेजमेंट की पढ़ाई करने के लिए मिसिसॉगा आए थे।
अपने ट्वीट में उन्होंने कहा कि उनके एजेंट ने पहले उनसे उस कॉलेज में रिपोर्ट न करने को कहा, जिसमें उन्हें दाखिला दिया गया था।
बाद में उन्हें दूसरे कॉलेज में शिफ्ट कर दिया गया। लवप्रीत ने बाद में पाया कि उनके आव्रजन पत्र (इमिग्रेशन लेटर) जाली थे और कॉलेज के सिस्टम में कोई जानकारी नहीं थी। उन्होंने कहा कि कई ट्रैवल एजेंट इसी तरह से छात्रों को ठगते हैं।
छात्रों ने कनाडा के अप्रवासी मंत्री सीन फ्रेजर से संपर्क किया है, जिन्होंने उन्हें आश्वासन दिया है कि वह इस मामले को देखेंगे। हालांकि CBSA ने साफ कहा है कि छात्रों को “झूठे ढोंग के तहत, धोखे से” एडमिशन दिलाया गया है।
इस बीच, पंजाब के एनआरआई मामलों के मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने ईएएम एस जयशंकर को पत्र लिखकर इस मामले में मदद मांगी है।
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा मिले निर्देश के बाद पंजाब के मंत्री ने सोमवार को कनाडा से जबरन वतन वापसी का सामना कर रहे 700 के करीब छात्रों का मसला हल करने के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर को एक पत्र लिखा है। धालीवाल ने कहा कि ट्रैवल एजेंटों की ठगी के चलते यह छात्र कनाडा के गलत कॉलेजों में फंसे हुए हैं।
उनकी वतन वापसी रोकने के लिए और इन छात्र को कनाडा सरकार से वर्क पर्मिट दिलाने के लिए धालीवाल ने केंद्र सरकार से तुरंत कार्रवाई करने की मांग की है।
इसके अलावा, बठिंडा की सांसद व पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने भी विदेश मंत्री से डा. जयशंकर से उन सैंकड़ों पंजाबी छात्रों का भविष्य बचाने का आग्रह किया है जो एजेंट की धोखाधड़ी के कारण वहां से निर्वासन का सामना कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि इससे पहले लगभग 700 छात्रों को इस कार्रवाई का सामना करना पड़ा है तथा इसके बाद 200 और छात्रों के निर्वासन के आदेश दिए गए हैं।
कैनेडियन बॉर्डर सर्विसेज एजेंसी (सीबीएसए) ने खुलासा किया है कि इन छात्रों को एक अधिकृत एजेंट-एजुकेशन माइग्रेशन सर्विसेज, जालंधर ने फर्जी दस्तावेज प्रदान किए थे।
इस एजेंट ने इन छात्रों को एक नामी कॉलेज में शिक्षा ग्रहण करने संबंधी जाली प्रवेश पत्र दिए तथा इसके लिए उनसे 16 से 20 लाख रूपये तक लिए गए।
जैसे ही ये छात्र कनाडा पहुंचे तो वहां के अधिकारियों ने उन्हें सूचित किया गया कि उनका प्रवेश रद्द कर दिया गया है।