महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना में तनातनी की अटकलों के बीच विवाद अब और बढ़ता नजर आ रहा है।
अब डोंबिवली में लगा एक पोस्टर चर्चा में हैं, जहां मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे तो हैं, लेकिन डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस की तस्वीर गायब है।
दरअसल, बुधवार को दीवा में सीएम शिंदे विकास कार्यों के उद्घाटन के लिए आ रहे हैं। कहा जाता है कि दीवा में शिवसेना और भाजपा के बीच कभी नहीं बनी।
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ठाणे के पूर्व डिप्टी मेयर रमाकांत माधवी और शिंदे समूह के दीवा प्रमुख की तरफ एक पोस्टर लगाया गया है।
नजर आ रहा है कि दिवंगत बाल ठाकरे और आनंद दीघे, सीएम शिंदे और उनके बेटे सांसद श्रीकांत शिंदे की फोटो लगी हुई है। यहां डिप्टी सीएम फडणवीस के साथ-साथ शिंदे के करीबी माने जाने वाले कैबिनेट मंत्री और भाजपा नेता रविंद्र चव्हाण की तस्वीर भी गायब है।
दीवा में कभी साथ नहीं आए भाजपा-शिवसेना
रिपोर्ट में माधवी के हवाले से लिखा गया कि यह साफ है कि दीवा में भाजपा और शिवसेना कितने करीब हैं। उन्होंने कहा कि न्योता देने के बाद भी भाजपा नहीं आएगी।
कहा जाता है कि ठाणे नगर निगम में भाजपा-शिवसेना गठबंधन में होने के बाद भी दीवा शहर में दोनों पार्टी के कार्यकर्ता कभी एकसाथ नहीं आए। दोनों दलों के सदस्यों के बीच तकरार चलती रहती है।
चुनाव से पहले तनाव?
खबरें हैं कि डोंबिवली में भी भाजपा और शिवसेना के बीच दरार पड़ती नजर आ रही है। चव्हाण के करीबी माने जाने भाजपा नेता नंदू जोशी के खिलाफ दर्ज मामले को इसकी वजह माना जा रहा है।
इसके अलावा कल्याण लोकसभा सीट से भाजपा चुनाव में उतरने की तैयारी कर रही है, जिसकी वजह से विवाद और गहरा रहा है।
22 लोकसभा सीटों पर साथ लड़ने की तैयारी
शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना पहले ही साफ कर चुकी है कि पार्टी भाजपा के साथ मिलकर उन 22 सीटों पर लोकसभा चुनाव लड़ने जा रही है, जहां 2019 में अविभाजित शिवसेना मैदान में थी।
शिवसेना सांसद राहुल शेवाले ने जानकारी दी थी कि सीएम शिंदे ने इसे लेकर समीक्षा बैठक भी की थी। बीते साल जुलाई में अविभाजित शिवसेना के 19 में से 12 सांसद शिंदे को समर्थन दे चुके थे। बाद में यह संख्या बढ़कर 13 हो गई थी।