गांधी, नेहरू, आंबेडकर सभी NRI थे, अमेरिका में ऐसा क्यों बोले राहुल गांधी; भाजपा पर अंग्रेजों वाला तंज…

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आज अमेरिका में प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए कहा कि भारतीय लोकतंत्र दो अलग-अलग विचारधाराओं में बंटा हुआ है।

कहा, “भारत में दो विचारधाराओं के बीच लड़ाई है, एक जिसका हम (कांग्रेस) प्रतिनिधित्व करते हैं और दूसरा जो भाजपा-आरएसएस की विचारधारा है।

सबसे बताने का आसान तरीका यह है कि एक तरफ महात्मा गांधी हैं और दूसरी तरफ नाथूराम गोडसे हैं।” अपने संबोधन में राहुल गांधी ने कहा कि महात्मा गांधी, जवाहर लाल नेहरू और भीमराव आंबेडकर सभी एनआरआई थे।

उन्होंने रेल हादसे पर भाजपा पर अंग्रेजों वाला तंज भी कसा। कहा कि जब हमारे समय में रेल हादसे होते थे तो हमने कभी अंग्रेजों पर दोष नहीं मढ़ा लेकिन, भाजपा-आरएसएस वाले कहते हैं कि 50 साल पहले कांग्रेस ने ऐसा किया था, इसलिए ऐसा हुआ।

अमेरिकी यात्रा के दौरान प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर निशाना साधते हुए कहा कि देश में नफरत फैलाने के लिए कुछ संस्थाएं जिम्मेदार हैं।

गांधी ने कहा, ”ये लोग देश में नफरत फैलाने का काम कर रहे हैं और इन लोगों ने लोकतंत्र को चलाने वाली संस्थाओं पर भी कब्जा कर लिया है। “

अगर आप उनसे (पीएम मोदी) कुछ भी पूछते हैं, तो वह पीछे मुड़कर देखते हैं। अगर आप ओडिशा ट्रेन हादसे पर सवाल पूछेंगे तो आपको बताया जाएगा कि कांग्रेस ने 50 साल पहले क्या किया था? यह कहते हुए कि भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार अपने प्रशासन पर सवाल उठाने पर आरोप लगाती है।

कांग्रेस काल में रेल हादसे का किया जिक्र
राहुल गांधी ने कहा, “मुझे एक ट्रेन दुर्घटना याद है जो कांग्रेस शासन के दौरान हुई थी। उस समय कांग्रेस ने यह नहीं कहा था कि यह दुर्घटना अंग्रेजों के कारण हुई है। रेल मंत्री ने बाकायदा कहा कि यह हमारी वजह से हुई है और मैं अपने पद से इस्तीफा देता हूं।

इसी घटना को आगे बताते हुए उन्होंने कहा, “भारत में यही समस्या है। हम बहाने बनाते हैं और सच्चाई को स्वीकार नहीं करते हैं।”

गांधी से नेहरू और आंबेडकर सभी एनआरआई
भारतीय प्रशासन पर हमला करते हुए, राहुल गांधी ने सिलिकॉन वैली में उनकी सफलता और मजबूत कार्य नैतिकता के लिए भारतीय-अमेरिकी समुदाय की प्रशंसा करते हुए मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की आलोचना की।

गोडसे को ‘कायर’ बताते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि गोडसे हमेशा अतीत की बात करता था, भविष्य की नहीं, जो मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की विचारधारा से परिलक्षित होता है।

गांधी ने कहा, ‘उसी समय महात्मा गांधी ने अंग्रेजों से लड़ाई लड़ी, जो उस समय अमेरिका से भी बड़ी ताकत थे।’ “एक तरफ सबसे प्रभावशाली एनआरआई (महात्मा गांधी) हैं, जिन्होंने अहिंसा और सत्य की खोज में अपना जीवन व्यतीत किया। 

राहुल गांधी ने आगे कहा कि दूसरी तरफ हिंसा और गुस्से से भरा नाथूराम गोडसे है, जो अपने जीवन की वास्तविकता से मुंह मोड़ लेता था। वह भविष्य देखने से डरते थे।

महात्मा गांधी भी एक एनआरआई थे। कहा जा सकता है कि भारत का स्वतंत्रता आंदोलन दक्षिण अफ्रीका में प्रारंभ हुआ। नेहरू, अंबेडकर, सरदार पटेल, सुभाष चंद्र बोस… सभी प्रवासी भारतीय थे।’ 

अपने संबोधन में उन्होंने यह भी कहा कि भारत की सभ्यता किसी से घृणा या किसी को अपमानित करने की नहीं है। “भारतीयता का मतलब किसी को पीटना, किसी से नफरत करना या किसी को नीचा दिखाना नहीं है।”

कांग्रेस के पूर्व सांसद ने कहा, ”मैं यहां अपने मन की बात कहने नहीं आया हूं. मुझे यहां आपके विचार सुनने में अधिक दिलचस्पी है। उनका (भाजपा-आरएसएस) काम नफरत फैलाना है और हमारा काम प्यार फैलाना है। हम उनका काम क्यों करें, हम अपना काम करेंगे।”

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