सैयद जावेद हुसैन (सह संपादक – छत्तीसगढ़):
धमतरी- जिले के कलेक्टर ऋतुराज रघुवंशी ने राज्य शासन के आदेशानुसार आज संत कबीर जयंती के मौके पर शुष्क दिवस घोषित किया है, बावजूद इसके जिले भर से सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि विभिन्न गांवों समेत शहर के मोहल्लों, व होटल ढाबों में धड़ल्ले से शराब की बिक्री आज दिनभर बदस्तूर जारी रही।
जबकि 2 दिन पहले कलेक्टर द्वारा जारी आदेश में साफ कहा गया है कि ” कबीर जयंती के अवसर पर आगामी रविवार 04 जून को छत्तीसगढ़ शासन आबकारी विभाग द्वारा शुष्क दिवस घोषित करने का आदेश जारी किया गया है। उक्त आदेश के परिपालन में कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी ने जिले में स्थित सभी देशी एवं विदेशी मदिरा की फुटकर दुकानों, होटल बार, क्लब आदि को बंद रखने के निर्देश दिए हैं।
जारी आदेश के अनुसार उक्त तिथि को शुष्क दिवस के तौर पर घोषित करते हुए मदिरा की कोई भी दुकान, होटल, रेस्टोरेंट, क्लब आदि में मदिरा के विक्रय की अनुमति नहीं देने कहा गया है। साथ ही उक्त अवधि के दौरान मदिरा का व्यक्तिगत भण्डारण एवं गैर लायसेंस प्राप्त परिसरों में मदिरा के भण्डारण पर सख्ती से रोक लगाने और ऐसी गतिविधियों के विरूद्ध जब्ती की कार्रवाई करते हुए इसका कड़ाई से पालन सुनिश्चित किए जाने का भी आदेश जिला आबकारी अधिकारी को दिया गया है।”
लेकिन विडंबना है कि राज्य शासन द्वारा जारी आदेश की जिले में धड़ल्ले से धज्जियां उड़ाई गई है।
आपको बता दें कि शहर पहुंच के 3 मुख्य मार्गों के ढाबों में वैसे तो रोजाना शराब परोसी व बेची जाती रही है, लेकिन आज शुष्क दिवस के मौके पर भी इन जगहों में बेधड़क शराब बेची गई, इसके साथ ही शहर के नवागांव वार्ड, दानीटोला, साल्हेवारपारा, मकेश्वर वार्ड, बठेना वार्ड, लालबगीचा, समेत शहर की कुछ होटलों, आसपास के ढाबों में दिनभर लाखों की अवैध शराब बेची जा चुकी है, जबकि आबकारी विभाग इन सभी जगहों से शायद अंजान रहा या फिर जानबूझकर कार्यवाही नही की गई जो आबकारी विभाग की कार्यशैली पर बड़ा प्रश्न चिन्ह बन चुका है।
बहरहाल ये पहला ऐसा मौका नहीं है, अक्सर ऐसा देखने में आया है कि शुष्क दिवस जब भी होता है तब शराब की अवैध बिक्री आम दिनों की अपेक्षा 2 से 3 गुना तक बढ़ जाती है, जिसकी तैयारी कोचिए या माफिया 1 सप्ताह पहले से ही कर लेते हैं।