हरियाणा से भाजपा के सांसद बृजेंद्र सिंह ने प्रदर्शनकारी पहलवानों का समर्थन किया है और कहा है कि खिलाड़ियों द्वारा मेडल को गंगा में प्रवाहित करना “बहुत दुर्भाग्यपूर्ण और दर्दनाक” है।
मंगलवार को विरोध करने वाले पहलवानों के समर्थन में सिंह ने कहा कि उन्हें अपने पदक गंगा में फेंकने के लिए मजबूर किया जा रहा है।
ईटी से बात करते हुए सिंह ने कहा, “इस मामले को तब ही सुलझा दिया जाना चाहिए था, जब वे कुछ महीने पहले विरोध में धरना पर बैठे थे।
इन अंतरराष्ट्रीय पदकों (ओलंपिक, एशियाई, राष्ट्रमंडल, विश्व चैंपियनशिप, आदि) को जीतने के लिए जीवन भर की तपस्या, कड़ी मेहनत, दृढ़ता, अनुशासन की आवश्यकता होती है।
कौन चाहेगा कि अपनी सबसे बेशकीमती चीजों को गंगा में फेंक दे, जब तक कि कोई ऐसा करने के लिए उन्हें मजबूर नहीं कर दे।”
पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह के बेटे बृजेंद्र सिंह ने कहा, “पिछली बार हमने इस तरह के बारे में सुना था, जब मुहम्मद अली ने नस्लवाद का सामना करने पर ओहियो में अपना ओलंपिक स्वर्ण पदक फेंक दिया था।”
बता दें कि बृजेंद्र और उनके पिता बीरेंद्र दोनों 2014 के चुनावों से पहले कांग्रेस से भाजपा में चले गए थे। दोनों पिता-पुत्र ने किसान आंदोलन में प्रदर्शनकारी किसानों का भी समर्थन किया था और किसानों के विरोध के लिए अपनाई गई दमन नीति पर आपत्ति जाहिर की थी।
हिसार के सांसद बृजेंद्र सिंह भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने वाले पहलवानों को समर्थन देने वाले एकमात्र भाजपा सांसद हैं।
इसी महीने की शुरुआत में हिसार में सतरोल खाप के चबूतरे के उद्घाटन कार्यक्रम में बृजेंद्र सिंह ने कहा था कि वह ऐसा करने वाले अकेले भाजपा सांसद हैं।