बीते दिनों जम्मू-कश्मीर में जी-20 टूरिजम ग्रुप की मीटिंग से पाकिस्तान बुरी तरह चिढ़ गया है।
इस मीटिंग में अलग-अलग देशों के 59 प्रतिनिधि शामिल हुए थे। वहीं भारत में पाकिस्तान के चार्ज डी अफेयर्स ने अब उन देशों पर अपनी भड़ास निकालनी शुरू की है जो कि इस बैठक में हिस्सा लेने पहुंचे थे।
पाकिस्तान ने इस्लामिक देशों के संगठन ओआईसी के साथ लॉबीइंग करके जम्मू-कश्मीर में आयोजित होने वाले इवेंट का बहिष्कार करवाने का प्लान बनाया था। हालांकि इस मिशन में पाकिस्तान का साथ खुलकर केवल चीन ही दे पाया।
पाकिस्तान का कहना था कि जम्मू-कश्मीर विवादित राज्य है इसलिए यहां इस तरह का आयोजन नहीं किया जा सकता।
हालांकि भारत का स्टैंड हमेशा से ही साफ रहा है कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और किसी को देश के आंतरिक मामलों पर टीका-टिप्पणी करने का अधिकार नहीं है। चीन, मिस्र और ओमान इस बैठक में हिस्सा लेने नहीं पहुंचे थे।
एजिप्ट और ओमान उन 9 देशों में भी शामिल है जिन्हें सितंबर में होने वाली जी-20 सम्मेलन में आमंत्रित किया गया है। वहीं बात करें पाकिस्तान की तरफदारी करने वाले तुर्की की तो यहां से दो ट्रैवल इंडस्ट्री के प्रतिनधि बैठक में शामिल हुए थे।
सऊदी अरब से भी ट्रैवल इंडस्ट्री के प्रतिनिधि पहुंचे थे। हालांकि कोई आधिकारिक व्यक्ति बैठक में हिस्सा लेने नहीं पहुंचा।
अन्य ओआईसी देशों की बात करें तो नाइजीरिया के डिप्टी हाई कमिश्नर और तीन अन्य प्रतिनिधि बैठक में शामिल हुए। बांग्लादेश के उच्च आयुक्त, यूएई के एक अधिकारी और ट्रैवल इंडस्ट्री के दो प्रतिनिधि, इंडोनेशिया के दूतावास प्रतिनिधि बैठक में शामिल हुए थे।
चीन और पाकिस्तान के लिए सबसे दुख की बात यह हो गई कि इस बैठक में यूएन की खुली और जबरदस्त हिस्सेदारी थी। बैठक में विश्व पर्यटन संगठन, संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम, विश्व यात्रा एवं पर्यटन परिषद और अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन के प्रतिनिधि शामिल हुए थे।
बीते दिनों गोवा में एससीओ की बैठक में पहुंचे पाकिस्तानी विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो की जमकर फजीहत हुई थी। इसके बाद पाकिस्तान जाते ही उन्होंने श्रीनगर में होने वाली बैठक का विरोध करना शुरू कर दिया था।
चीन, सऊदी और तुर्की पाकिस्तान के सदाबहार दोस्त माने जाते हैं। उन्होंने भी पाकिस्तान का पक्ष लेते हुए कहा कि भारत पाकिस्तान कि छवि खराब कर रहा है।
इसके बाद चीन ने खुले तौर पर इस बैठक का विरोध किया था और भाग लेने से इनकार कर दिया था। सूत्रों के मुताबिक यह भी पता चला था कि भारत की तरफ से पाकिस्तान को खुला संदेश दे दिया गया था कि इस दौरान अगर किसी भी तरह की नापाक हरकत हुई तो उसका मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।