सुपोषण अभियान का हिस्सा बनीं तुरेनार रीपा की महिलाएं
जगदलपुर : अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ में रूरल इंडस्ट्रियल पार्क यानी कि रीपा की नींव रखी गई थी। ये सेंटर्स आज विकास के नए आयाम लिख रहे हैं,
ऐसे ही रीपा सेंटर्स में से एक है बस्तर के तुरेनार का रीपा, जहां की महिलाएं अब बस्तर में टीबी को खत्म करने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। हाल ही में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने बस्तर प्रवास के दौरान टीबी मरीजों के इलाज के लिए चलाए जा रहे अभियान के तहत निक्षय रथ को हरी झंडी दिखाई।
रेडक्रास संस्था के निक्षय मित्र रथ की मदद से जिला प्रशासन बस्तर द्वारा टीबी के मरीजों को सुपोषित आहार प्रदाय करेगी। इस अभियान से 640 मरीजों को पोषण आहार किट (रागी आटा. कोदो आटा, कुटकी आटा, गेहूँ आटा, मसूर दाल, दूध पाउडर, खाद्य तेल एवं अण्डा) दिया जाएगा।
इस सुपोषण आहार किट के वितरण हेतु रीपा तुरेनार को एजेंसी बनाते हुए 42 लाख रूपये का कार्यादेश दिया गया है। जिसे रानी स्व सहायता समूह की सदस्यों द्वारा तैयार किया जा रहा है। जिला प्रशासन की अतुलनीय पहल से रीपा में हो रहे उत्पाद को विक्रय करने हेतु टी.बी. मरीजों को बस्तर के जैविक उत्पाद खाद्य सामग्री उपलब्ध हो रही है। साथ ही रीपा में कार्यरत व्यक्तिगत एवं सामूहिक उद्यमियों को आर्थिक लाभ भी मिल रहा है।