पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और उनके करीबी सहयोगी 9 मई को लाहौर और पंजाब प्रांत के हिस्सों में सैन्य प्रतिष्ठानों पर हुई तमाम हिंसाओं के पीछे थे।
उन्होंने ही हमलों को कॉर्डिनेट किया था। पंजाब पुलिस चीफ ने गुरुवार को गंभीर आरोप लगाया। जिओ-फेंसिंग रिपोर्ट का हवाला देते हुए, पंजाब पुलिस महानिरीक्षक डॉ. उस्मान अनवर ने कहा, “पुलिस ने इमरान खान और उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अन्य वरिष्ठ नेताओं द्वारा की गई 400 से अधिक कॉलों का पता लगाया, जो कार्यकर्ताओं से सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने के लिए उकसा रही थीं।”
जियो-फेंसिंग एक ऐसी तकनीक है जो सैटेलाइट का इस्तेमाल करके किसी व्यक्ति, गाड़ी आदि की गतिविधियों को रिकॉर्ड करने में अहम भूमिका निभाती है।
उन्होंने कहा कि सभी दंगाई पीटीआई पार्टी प्रमुख के जमां पार्क स्थित आवास पर पीटीआई के शीर्ष नेतृत्व के संपर्क में थे। कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने देशभर में लगभग 10,000 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें ज्यादातर पीटीआई के नेता और कार्यकर्ता हैं।
इन सबको नौ मई को हुई हिंसा को लेकर अरेस्ट किया गया है। मालूम हो कि इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) से अर्धसैनिक रेंजरों द्वारा भ्रष्टाचार के एक मामले में खान की गिरफ्तारी के मद्देनजर हिंसा भड़क उठी थी।
आईजीपी अनवर ने डॉन अखबार को बताया कि जिओ-फेंसिंग रिकॉर्ड से पता चलता है कि खान के आवास का इस्तेमाल लाहौर कॉर्प्स कमांडर के घर पर हमले की योजना बनाने के लिए किया गया था, जिसे जिन्ना हाउस के नाम से भी जाना जाता है।
उन्होंने कहा कि क्रिकेटर से नेता बने इमरान यहां वरिष्ठ सैन्य अधिकारी के घर पर कथित तौर पर हमले की साजिश रचने के मुख्य संदिग्ध हैं।
अनवर ने कहा कि पीटीआई के छह अन्य नेता हम्माद अजहर, डॉ. यास्मीन राशिद, महमूदुर रशीद, एजाज चौधरी, असलम इकबाल और मुराद रास अन्य संदिग्ध हैं, जो हमलों की योजना बनाने में शामिल थे।
पीटीआई प्रमुख ने दावा किया कि इस्लामाबाद में उनकी गिरफ्तारी के बाद अशांति के दौरान 25 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उन्होंने कहा, “सीधी गोलीबारी में मारे जाने के बाद कोई जांच क्यों नहीं की जाती।” खान ने कहा, “वे सोशल मीडिया एक्टिविस्ट और महिलाओं को भी नहीं बख्श रहे हैं।”
पुलिस ने हिंसक झड़पों में मरने वालों की संख्या 10 बताई है, जबकि खान की पार्टी का दावा है कि सुरक्षाकर्मियों की गोलीबारी में उसके 40 कार्यकर्ताओं की जान चली गई। शक्तिशाली सेना द्वारा नौ मई की घटना को इतिहास का सबसे काला दिन बताया गया है। इसके बाद इमरान खान के हजारों समर्थकों को पुलिस ने अरेस्ट कर लिया था।