आप जब मेडिकल स्टोर से एक या दो टैबलेट लेने जाते हैं तो अक्सर आपको पूरी पट्टी खरीदनी पड़ती है। आने वाले समय में आपको इससे राहत मिल सकती है।
केंद्र सरकार का उपभोक्ता मामलों का मंत्रालय एक योजना पर काम कर रहा है। इसके मुताबिक, छेद वाली दवाई पट्टी तैयार की जाएगी।
इसके हर हिस्से में निर्माण और एक्सपायरी की तारीख लिखी होगी। इससे आपको जितनी ही टैबलेट चाहिए उतनी ही मिलेगी।
एक और विकल्प की तलाश की जा रही है। दवा की पट्टियों पर क्यूआर कोड अंकित किया जाएगा।
सूत्रों ने कहा कि उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय द्वारा चलाए जा रहे राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (एनसीएच) पर पूरी पट्टी खरीदने पर जोर देने की शिकायतों में वृद्धि देखी गई है।
इसके बाद कंपनियों से बातचीत शुरू की गई। आने वाले समय में इसे अंतिम रूप दिया जा सकता है।
मंत्रालय ने हाल ही में फार्मा उद्योग के दिग्गजों के साथ इस मामला पर विचार-विमर्श किया। बैठक में ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया के शीर्ष अधिकारियों ने भी भाग लिया।
अधिकारियों ने कहा कि इस मुद्दे पर चर्चा की गई और मंत्रालय ने सुझाव दिया कि दवाओं की पैकेजिंग के लिए नई तकनीकों की खोज की जानी चाहिए।
अधिकारियों ने कहा कि दवा की पूरी पट्टी जबरन खरीदने से बर्बादी होती है। ग्राहकों पर भी अनावश्यक वित्तीय बोझ पड़ता है।
उन्होंने कहा, “हम पट्टी को काटने के लिए वेध तकनीक अपनाने और प्रत्येक पट्टी पर निर्माण और समाप्ति तिथि प्रिंट करने का सुझाव देते हैं। क्यूआर कोड का उपयोग करने का भी सुझाव दिया गया है।”