प्रवीण नांगिया – ज्योतिष सलाहकार:
पंचांग के अनुसार प्रतिवर्ष ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि पर गंगा दशहरा मनाया जाता है।
हिंदू धर्म में गंगा नदी (Ganga River) को मां गंगा कहा जाता है और गंगा दशहरा पर गंगा मैया की विशेष पूजा-आराधना की जाती है।
गंगा दशहरा मान्यतानुसार वह दिन है जब गंगा का पृथ्वी पर अवतरण हुआ था। गंगा दशहरा को मांगलिक कार्यों के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण दिन माना जाता है और इस दिन गंगा पूजा संपन्न की जाती है।
इस साल गंगा दशहरा 30 मई के दिन मनाई जा रही है। जानिए गंगा दशहरा पर बन रहे शुभ योग और गंगा स्नान (Ganga Snan) से जुड़े नियमों के बारे में यहां।
गंगा दशहरा पर पूजा | Ganga Dussehra Puja
गंगा दशहरा इस वर्ष 30 मई के दिन मनाई जाएगी। हालांकि, ज्येष्ठ दशमी तिथि का आरंभ 29 मई की सुबह 11 बजकर 49 मिनट पर हो रहा है।
इस तिथि की समाप्ति अगले दिन 30 मई की दोपहर 1 बजकर 7 मिनट पर होगी। गंगा दशहरा के दिन रवि योग और सिद्धि योग का संयोग बनने जा रहा है जोकि बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इसके अलावा, धन योग का निर्माण होगा।
- गंगा दशहरा के दिन गंगा स्नान करते हुए सूर्य देव को अर्घ्य देना बेहद शुभ होता है। उगते सूर्य की तरफ मुख करके या फिर गंगा की बहती लहरों की दिशा में मुख करके सूर्य देव को गंगाजल से अर्घ्य दिया जाता है।
- गंगा स्नान करते हुए कितनी बार डुबकी लगाई जा रही है इसका भी विशेष महत्व होता है। 3, 5, 7 या 12 बार डुबकी लगाना शुभ माना जाता है। बिना किसी छल या कपट के मां गंगा (Ganga Ma) का स्मरण करते हुए डुबकी लगाई जाती है।
- मां गंगा की आरती (Ganga Aarti) गाना बेहद शुभ होता है। गंगा स्त्रोत के बाद गंगा स्तुति गाएं और फिर गंगा आरती गाना शुरू करें। मां गंगा की आरती गाने पर मैया भक्तों से प्रसन्न होती हैं।
- पितरों के लिए प्रार्थना करने के लिए भी यह बेहद शुभ दिन है। ऐसे में गंगा दशहरा के दिन स्नान करते हुए अपने पितरों का स्मरण करें और उनकी सुख-शांति की कामना करें।
- यदि आप गंगा स्नान करने जा रहे हैं तो साबुन, शैंपू या फिर तेल आदि का इस्तेमाल ना करें बल्कि बिना किसी चीज के ही गंगा जी में स्नान करने उतरें।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। वार्ता 24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।)