प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टीम में बदलाव का दौर शुरू होता नजर आ रहा है। खबर है कि केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू को हटा दिया गया है। उन्होंने अर्थ साइंस मंत्रालय का जिम्मा सौंपा गया है। सरकार ने कानून मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार अर्जुन राम मेघवाल को सौंपा है।
खबर है कि केंद्र सरकार में मंत्रियों की समीक्षा का दौर जारी है और मंत्रालयों के कामों की रिपोर्ट तलब की गई थी। इसके बाद ही सरकार की तरफ से यह फैसला लिया गया है। हालांकि, अब तक अन्य मंत्रालयों के संबंध में जानकारी साफ नहीं है।
चुनाव के चलते हुआ फेरबदल
मेघवाल को कानून मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार सौंपने के तार राजस्थान विधानसभा चुनाव से भी जोड़े जा रहे हैं। वहीं, रिजिजू का भी मानना है कि यह फेरबदल चुनाव के चलते हुआ है। साल के अंत तक मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में विधानभा चुनाव होने हैं। वहीं, 2024 में लोकसभा चुनाव होने हैं।
न्यायपालिका के साथ चल रही थी तकरार?
बीते कुछ समय में सरकार और न्यायपालिका के बीच तनातनी देखने को मिल रही थी। हालांकि, फरवरी में उन्होंने साफ कर दिया था कि देश में कोई भी ‘सरकार बनाम न्यायपालिका’ नहीं चल रहा है। सुप्रीम कोर्ट भी जजों के नाम पर मंजूरी में देरी को लेकर कई बार केंद्र सरकार से सवाल पूछ चुका था। शीर्ष न्यायालय ने देरी के मुद्दे को ‘बेहद गंभीर’ बताया था।
एक भाजपा नेता ने जानकारी दी कि रिजिजू को हटाने की एक वजह न्यायपालिका और सरकार के बीच टकराव भी रही है। जनवरी में उन्होंने कहा था कि जज न्याय करने के बजाए आधा समय इसमें निकाल देते हैं कि किसी जज के तौर पर नियुक्त किया जाए। साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि न्यायाधीशों को चुनाव नहीं लड़ना पड़ता। उनके इसी तरह के बयानों के चलते बड़ा विवाद खड़ा हो गया था।
पीएम मोदी ने दिए थे बदलाव के संकेत
साल 2023 की शुरुआत से ही अटकलें लगाई जा रही थीं कि लोकसभा चुनाव से पहले पीएम मोदी कैबिनेट में मंत्रियों के प्रदर्शन के आधार पर फेरबदल कर सकते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा था कि पीएम मोदी ने संकेत दिए थे कि ‘बदलाव करने’ का समय आ गया है। साथ ही यह भी कहा जा रहा था कि खराब प्रदर्शन करने वाले मंत्रियों को हटाने के साथ-साथ राज्यों में स्टार प्रचारक रहे कुछ सांसदों को जगह मिल सकती है।