प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 19 से 21 मई तक जापान के दौरे पर जा रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी अपने जापानी समकक्ष किशिदा फुमियो के बुलावे पर जा रहे हैं। दरअसल जापान जी-7 शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहा है।
अपनी अध्यक्षता के तहत जापान ने भारत के प्रधानमंत्री को निमंत्रण भेजा था। अब पीएम मोदी जापान के हिरोशिमा में होने वाले इस सम्मेलन में शिरकत करेंगे।
शिखर सम्मेलन के दौरान, प्रधानमंत्री भागीदार देशों के साथ विभिन्न विषयों पर होने वाले जी-7 सत्रों में भी भाग लेंगे। प्रधानमंत्री शिखर सम्मेलन से इतर भाग लेने वाले कुछ नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे।
जी-7 दुनिया के सात औद्योगिक देशों कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन और अमेरिका का मंच है। भारत को इसमें विशेष अतिथि के तौर पर निमंत्रण मिला है।
हिरोशिमा का दर्दनाक इतिहास
हिरोशिमा की बात करें तो यह एक ऐसा ऐतिहासिक शहर है जिसने इतिहास का सबसे दर्दनाक चैप्टर देखा है। अमेरिका ने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान छह अगस्त, 1945 को हिरोशिमा पर दुनिया का पहला परमाणु बम गिराया था।
इससे शहर में भारी तबाही हुई और करीब 1,40,000 लोग मारे गए। अमेरिका ने तीन दिन बाद नागासाकी शहर पर दूसरा बम गिराया, जिसमें 70,000 लोगों की जान गई थी। पूरा का पूरा शहर बरबाद हो गया था। इस विभिषका के परिणाम आज भी इस नगर के लोग भुगत रहे हैं।
पहली बार पापुआ न्यू गिनी जाएगा कोई भारतीय PM
विदेश मंत्रालय की ओर से मंगलवार को जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि प्रधानमंत्री जापान के बाद पोर्ट मोरेस्बी (पापुआ न्यू गिनी) की यात्रा करेंगे, जहां वे 22 मई 2023 को पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री, जेम्स मारपे के साथ संयुक्त रूप से फोरम फॉर इंडिया-पैसिफिक आइलैंड्स कोऑपरेशन (FIPIC III समिट) के तीसरे शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेंगे। पापुआ न्यू गिनी में पीएम मोदी के द्विपक्षीय कार्यक्रम होंगे, जिसमें गवर्नर-जनरल सर बॉब डाडे और प्रधानमंत्री जेम्स मारपे के साथ बैठकें शामिल हैं। किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पापुआ न्यू गिनी की यह पहली यात्रा होगी।