पाकिस्तान इस वक्त गृह युद्ध की आग में जल रहा है।
पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार और सेना इमरान खान को सबक सिखाने की तैयारी कर रहे हैं। दूसरी तरफ इमरान हैं कि हार मानने को तैयार नहीं।
सोशल मीडिया पर लगातार वीडियो पोस्ट करके सेना पर नए-नए आरोप मढ़ रहे हैं। अब पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट है कि सेना प्रमुख असीम मुनीर और शहबाज सरकार इमरान खान पर आर्मी ऐक्ट के तहत कार्यवाई करेंगे।
इमरान खान पर पाकिस्तान की मिलिट्री कोर्ट में सुनवाई होगी। इससे ऐसी संभावना ज्यादा है कि सजा मिलने तक इमरान खान पर सुनवाई जारी रहेगी।
ऐसे में इमरान समर्थकों और उनकी पार्टी पीटीआई को इमरान के पूर्व प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो जैसा हाल होने का डर सता रहा है।
पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद देशभर में मचे बवाल को लेकर सेना और सरकार काफी गुस्से में है।
सेना प्रमुख असीम मुनीर पीटीआई समर्थकों के हमले को अपनी इज्जत से जोड़कर ले रहे हैं।
वो उपद्रवियों को सख्त लहजे में चेतावनी दे चुके हैं कि ऐसा सबक सिखाया जाएगा कि नस्लें भी याद रखेंगी। सेना प्रमुख के गुस्से से साफ है कि इमरान पर बड़ा खतरा मंडरा रहा है।
दरअसल, इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद उनके समर्थक सड़क पर उतर आए थे। 500 से ज्यादा उपद्रवियों ने पीएम आवास, सेना के अधिकारियों के आवास, रावलपिंडी में सेना का मुख्यालय और कोर कमांड हाउस तक को काफी नुकसान पहुंचाया।
इतना ही नहीं वाहनों पर आग लगा दी। पेट्रोल बम दागे और 130 साल पुरानी सेना इंजीनियरिंग सर्विसेज की इमारत को आग के हवाले कर दिया। एक-दो दिन तक पूरा पाकिस्तान जलता रहा।
चुन-चुनकर जेल में भरेंगे
पाकिस्तान को आगजनी के हवाले करने के जवाब में शहबाज शरीफ खुद सख्त तेवर अपनाए हुए हैं। उन्होंने दो टूक शब्दों में सेना और पुलिस को कहा है कि चाहे हो जाए उपद्रवियों को चुन-चुनकर जेल में भरा जाए। सेना प्रमुख भी सख्त कार्रवाई की चेतावनी दे चुके हैं।
उधर, इमरान खान ने एक बार फिर गिरफ्तारी और खुद के कत्ल होने की आशंका जताई है। इमरान ने दावा किया है कि सेना उनसे बदला लेने के लिए उनकी पत्नी बुशरा बीबी को गिरफ्तार कर उन्हें अपमानित करना चाहती है।
इमरान का दावा- पीटीआई समर्थकों ने नहीं किया उपद्रव
एक तरफ सेना और सरकार लगातार दावा कर रही है कि इमरान के समर्थन में पीटीआई समर्थकों ने ही सड़क पर उपद्रव किया और आगजनी की लेकिन, दूसरी तरफ इमरान खान का दावा है कि इसके पीछे बड़ी साजिश है।
पीटीआई समर्थक उपद्रव और आगजनी में शामिल नहीं थे, क्योंकि अगर ऐसा होता तो जब उनके नेता (मुझपर) गोली चलाई गई, तब वे शांत कैसे रहे?
क्या है पाकिस्तान आर्मी ऐक्ट
पाकिस्तान की मीडिया के मुताबिक, इमरान खान पर आर्मी ऐक्ट की धारा 59 और 60 के तहत कार्रवाई हो सकती है। इसमें सिर्फ सेक्शन 59 के तहत मौत की सजा का प्रावधान है।
अगर इमरान खान पर आरोप सही साबित होते हैं, जिसकी प्रबल संभावना है तो उन्हें उम्रकैद या फांसी हो सकती है। इस मामले में इमरान खान के खिलाफ पाकिस्तान की सेना सिमरी कोर्ट में सुनवाई होगी। इस तरह की धारा का इस्तेमाल असैन्य अपराधों के लिए किया जाता है।
जुल्फिकार अली भुट्टो के साथ क्या हुआ
पाकिस्तान का इतिहास रक्तरंजित रहा है। यहां हुक्मरानों को या तो मौत मिली या उसे देश छोड़कर भागना पड़ा। जुल्फिकार अली भुट्टो से पहले लियाकत अली खान और बेनजीर भुट्टो को मौत मिल चुकी है।
वहीं, जनरल परवेज मुशर्रफ और नवाज शरीफ को अपनी जान बचाने के लिए देश छोड़कर भागना पड़ा। कुछ माह पहले मुशर्रफ की लंबी बीमारी से विदेश में मौत हो गई थी। बात करें ज़ुल्फ़िक़ार अली भुट्टो की, तो उन्हें 4 अप्रैल 1979 को फांसी पर लटकाया गया था।
पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर उन्हें मौत की सजा मिली। बताया जाता है कि इसके पीछे तत्कालीन सैन्य शासक जिया उल हक थे।