CJI डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाले कॉलेजियम ने सुप्रीम कोर्ट में जज के तौर पर शामिल किए जाने के लिए केंद्र के सामने दो नामों की सिफारिश की है।
इनमें आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश प्रशांत कुमार मिश्रा और वरिष्ठ वकील केवी विश्वनाथन शामिल हैं।
अगर विश्वनाथन के नाम पर सरकार हामी भर देती है, तो वह बार से सीधे भारत के मुख्य न्यायाधीश बनने का सफर तय करने वाले चौथे शख्स होंगे।
खास बात है कि बीते दो दिनों में शीर्ष न्यायालय के दो जज जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस एमआर शाह रिटायर हुए हैं।
क्यों खास होगा केवी विश्वनाथन का प्रमोशन
अगर विश्वनाथन के नाम की सिफारिश सरकार की तरफ से मंजूर होती है, तो वह 10वें शख्स होंगे, जो सीधे बार से निकलकर सुप्रीम कोर्ट बेंच का हिस्सा बनेंगे।
दरअसल, इतिहास को समझें, तो 1950 के गणतंत्र दिवस पर भारत के पहले मुख्य न्यायाधीश ने शपथ ली थी। तब से अब त 32 मौजूदा जजों समेत 266 जजों सुप्रीम कोर्ट बेंच का हिस्सा रहे।
अब इनमें से केवल 9 जज ही ऐसे हैं, जो बार से आकर शीर्ष न्यायालय की बेंच में शामिल हुए हैं।
ये हैं 9 नाम
जस्टिस एसएम सिकरी, जस्टिस एससी रॉय, जस्टिस कुलदीप सिंह, जस्टिस संतोष हेगड़े, जस्टिस आर नरीमन, जस्टिस यूयू ललित, जस्टिस एल नागेश्वर, जस्टिस इंदु मल्होत्रा और जस्टिस पीएस नरसिम्हा को बार से सीधे सुप्रीम कोर्ट में जज के तौर पर नियुक्ति मिली।
खास बात है कि इनमें जस्टिस मल्होत्रा पहली महिला जज हैं। अब यह भी खास है कि इस लिस्ट में शामिल जजों में से केवल जस्टिस सिकरी और जस्टिस ललित ही CJI बने थे।
इस लिस्ट में जस्टिस नरसिम्हा का नाम भी शामिल होने जा रहा है। वह 30 अक्टूबर 2027 से 2 मई 2028 तक सीजेआई की भूमिका में रहेंगे।
वहीं, जस्टिस जेबी पारदीवाला के 11 अगस्त 2030 पर रिटायर होने के बाद विश्वनाथन सीजेआई बनने के लिए तैयार हो जाएंगे और 25 मई 2031 तक पद पर रहेंगे।
पूर्व एएएसजी विश्वनाथन तीन दशक से ज्यादा समय से कानूनी पेशे में हैं और कई बड़े मामलों को संभाल चुके हैं।