पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार पिछले काफी समय से बुरे दौर से गुजर रही है।
आतंकपरस्त देश की खराब माली हालत दुनिया में किसी से नहीं छिपी है। पाई-पाई को मोहताज हो चुकी पाकिस्तानी सरकार ने अब राज्यों को विकास के लिए फंड देने पर भी अपने हाथ खड़े कर दिए हैं।
अपने कैबिनेट मंत्रियों और समिति की बैठक के बाद प्रधानमंत्री शरीफ ने फैसला लिया है कि वे राज्य को विकास कार्यों के लिए फंड नहीं दे पाएंगे।
पाकिस्तान इस वक्त अब तक के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। राजकोषीय घाटा, दुनिया की नजर में आतंक का पर्याय हो चुके पाकिस्तान ने दुनिया के कई देशों से आर्थिक मदद की मांग की है।
गले तक कर्ज में डूब चुके पाकिस्तान के पास अब कटौती करने के अलावा कोई चारा नहीं है। अब शहबाज शरीफ सरकार ने राज्यों के विकास कार्यों में ही कटौती करने का फैसला लिया है।
राज्यों को फंड नहीं, केंद्रीय परियोजनाओं पर फोकस
भयावह आर्थिक संकट के बीच शहबाज सरकार केंद्र प्रांतीय विकास परियोजनाओं के लिए वित्तीय मदद को ही समाप्त करने पर विचार कर रहा है।
हालांकि शहबाज सरकार ने इस पर सफाई दी है कि वे राज्यों में विकास कार्यों के लिए फंड जारी करने के बजाय केंद्रीय परियोजनाओं पर फोकस करेगी।
इसमें सार्वजनिक क्षेत्र के विकास कार्यक्रम (PSDP) के तहत पांच रणनीतिक क्षेत्रों – निर्यात, ऊर्जा, इक्विटी, ई-पाकिस्तान और पर्यावरण (5Es) पर खास ध्यान रहेगा।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने पाकिस्तानी अखबार डॉन को बताया कि योजना और विकास मंत्रालय ने पीएसडीपी 2023-24 में प्रांतीय विकास परियोजनाओं को अगले साल के बजट के हिस्से के रूप में संसद में पेश करने के लिए पीएम शहबाज को प्रस्ताव भेजा था। प्रधानमंत्री की सहमति के बाद इस इस पर आगे के कदम बढ़ाए जा रहे हैं।
राज्यों की मदद से भी किनारा
प्रधान मंत्री शरीफ को समिति ने एक सुझाव दिया है कि केवल उन परियोजनाओं को शामिल किया जाना चाहिए जिनका सामरिक महत्व है।
बाकी प्रांतीय परियोजनाएं पीएसडीपी का हिस्सा नहीं होनी चाहिए। यदि बहुत जरूरी भी हुआ तो केवल राज्य की महत्वपूर्ण महत्व की परियोजनाओं पर मदद की जाएगी, उसमें भी केंद्र का वित्तीय मदद में हिस्सा 50 फीसदी से ज्यादा नहीं होना चाहिए।