पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो बीते दिन गोवा में आयोजित एससीओ बैठक में शामिल हुए।
उनकी मौजूदगी में ही भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आतंकवाद का मुद्दा उठाया और जमकर सुनाया।
इस दौरान तमाम देशों के विदेश मंत्री भी वहीं थे, जिससे बिलावल भुट्टो की जमकर बेइज्जती हुई। यहां से वापस पाकिस्तान जाने के बाद बिलावल भुट्टो ने फिर से जहर उगलना शुरू कर दिया।
उन्होंने खुद ही अपनी यात्रा के सफल होने का दावा करते हुए बीजेपी और आरएसएस पर निशाना साधा। आरोप लगाया कि बीजेपी और आरएसएस मुस्लिमों को आतंकी बताने की कोशिश करते हैं।
भारत से लौटकर अपने देश में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए बिलावल भुट्टो ने कहा, ”भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) इस मिथक को बनाने की कोशिश कर रहे हैं कि दुनियाभर के मुसलमान और पाकिस्तानी आतंकवादी हैं। हमने इस मिथक को तोड़ने का प्रयास किया है।”
उन्होंने कहा, “मेरा मानना है कि जब बेनज़ीर भुट्टो के बेटे उनके सामने बैठते हैं, तो वे इस तरह के आरोप लगाने की कितनी भी कोशिश कर लें, यह उनके लिए पर्याप्त जवाब है।”
पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने आगे कहा कि उनकी पार्टी, पीपीपी ने प्रांतीय और संघीय विधानसभाओं के लिए हिंदू उम्मीदवारों को आगे बढ़ाया, जो बाद में मंत्री बने। बिलावल ने कहा कि वह आश्चर्यचकित हैं कि भारत में मुस्लिमों की आबादी इतनी ज्यादा होने के बाद भी बीजेपी का कोई मुस्लिम उम्मीदवार नहीं होता।
पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने कराची में कहा कि वे यह जताने की कोशिश करते हैं कि हर मुसलमान आतंकवादी है ताकि वहां (भारत में) नफरत फैले और वे चुनाव जीत सकें। वे यह साबित करने की कोशिश करते हैं कि हर पाकिस्तानी एक आतंकवादी है, लेकिन जब बिलावल भुट्टो-जरदारी उनके सामने बैठते हैं, तो उनके झूठे कथन और प्रचार को नकार दिया जाता है, भले ही मैं कुछ न कहूं।
आतंकवाद को पनाह देने वाले पाकिस्तान के विदेश मंत्री भुट्टो ने यह भी कहा कि यह देश मुझे जानता है, क्या मैं अपने राजनीतिक इतिहास में एक बार भी गलती से किसी आतंकवादी के साथ बैठा हूं? मैं क्या कर सकता हूं अगर उनकी नफरत इस हद तक पहुंच गई है कि वे सभी मुसलमानों को आतंकवादी घोषित करना चाहते हैं, यहां तक कि मुझे भी।
जयशंकर ने बिलावल भुट्टो की मौजूदगी में आतंकवाद पर सुनाई खरी-खरी
इससे पहले, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को पाकिस्तान के अपने समकक्ष बिलावल भुट्टो-जरदारी की मौजूदगी में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में दो टूक कहा कि बिना किसी भेदभाव के आतंकवाद के सभी स्वरूपों और इसके वित्तपोषण को रोकना चाहिए।
एससीओ के विदेश मंत्रियों की बैठक में अपने संबोधन में जयशंकर ने परोक्ष रूप से पाकिस्तान की ओर इशारा करते हुए कहा कि आतंकवाद की अनदेखी करना समूह के सुरक्षा हितों के लिए हानिकारक होगा और जब दुनिया कोविड-19 महामारी और उसके प्रभावों से निपटने में लगी थी, तब भी आतंकवाद की समस्या ज्यों की त्यों बनी रही।
‘आतंकवाद को नहीं ठहराया जा सकता सही’
सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहे भारतीय विदेश मंत्री ने कहा कि भारत का दृढ़ विश्वास है कि आतंकवाद को बिल्कुल उचित नहीं ठहराया जा सकता है।
उन्होंने यह भी कहा कि इस खतरे से मुकाबला करना एससीओ के मूलभूत कार्यक्षेत्र में शामिल है। उन्होंने कहा, ”हमें किसी भी व्यक्ति या देश को सरकार से इतर तत्वों के पीछे छिपने की अनुमति नहीं देनी चाहिए।”
जयशंकर ने यह भी रेखांकित किया कि संपर्क प्रगति की कुंजी है, लेकिन इसके लिए सभी सदस्य देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को ध्यान में रखना चाहिए। गोवा के इस बीच रिसॉर्ट में चीन के विदेश मंत्री छिन कांग और रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव तथा एससीओ के अन्य देशों के उनके समकक्षों ने बैठक की।