जामिया मिल्लिया इस्लामिया ने बुधवार को कहा कि उसके द्वारा किए गए कई अध्ययनों से पता चला है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के जरिए लोगों के साथ ‘दोतरफा संवाद‘ स्थापित किया है।
केंद्रीय विश्वविद्यालय ने एक वक्तव्य जारी कर कहा कि इस रेडियो कार्यक्रम के जरिए प्रधानमंत्री मोदी और आम नागरिकों के बीच एक ‘असाधारण जुड़ाव’ बना है।
जामिया ने कहा कि उसने संचार के माध्यम के रूप में ‘मन की बात’ पर कई अध्ययन किए हैं और भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएसएसआर) ने इस पहल में उसकी मदद की है।
बयान में कहा गया है कि अध्ययनों से पता चलता है कि प्रधानमंत्री ने इस शक्तिशाली पहल के माध्यम से भारत के नागरिकों के साथ दोतरफा संवाद विकसित किया है।
जामिया मिल्लिया इस्लामिया की ओर से जारी किए गए बयान के मुताबिक यह रेडियो कार्यक्रम सरल, फिर भी अविश्वसनीय रूप से प्रभावी है, और इसने प्रधानमंत्री को देश भर में ग्रामीण से शहरी और अमीर से गरीब तक लगभग एक अरब लोगों के साथ एक व्यक्तिगत जुड़ाव स्थापित करने में सक्षम बनाया है।
जामिया की ओर से किए गए ये अध्ययन माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय (एमसीयू), भोपाल द्वारा प्रकाशित पत्रिका ‘मीडिया मीमांसा‘ के विशेष संस्करण में प्रकाशित किए जाएंगे।
प्रधानमंत्री के इस रेडियो कार्यक्रम की 100वीं कड़ी का प्रसारण 30 अप्रैल को किया जाएगा। मोदी ने 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद मासिक रेडियो कार्यक्रम की शुरुआत की थी और वह इसके जरिए विभिन्न विषयों को लेकर देश के लोगों को संबोधित करते हैं।
जामिया इस कार्यक्रम के 100 एपिसोड पूरे होने के महत्वपूर्ण पड़ाव का जश्न मनाने के लिए कई कार्यक्रमों का आयोजन कर रहा है। वह ‘मन की बात’ के सभी एपिसोड को अपने सामुदायिक रेडियो पर प्रसारित करने की भी योजना बना रहा है।