शंघाई सहयोग संगठन यानी SCO बैठक की तैयारी कर रहे भारत ने पाकिस्तान को फिर फटकार लगा दी है।
विदेश मंत्री ने साफ कर दिया है कि सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले पड़ोसी से जुड़ना बहुत मुश्किल है। हालांकि, उन्होंने स्थिति सुधरने की भी ‘उम्मीद’ जताई है।
खास बात है कि मई में होने वाली मीटिंग में पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी भी शामिल होने वाले हैं।
पनामा पहुंचे जयशंकर ने कहा था, ‘हमारे लिए एक ऐसे पड़ोसी के साथ जुड़ना बहुत मुश्किल है जो हमारे खिलाफ सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देता है।
हमने हमेशा कहा है कि उन्हें अपनी बातों पर खड़ा उतरना होगा कि वे आतंकवाद को बढ़ावा नही देंगे। हमें उम्मीद है कि एक दिन ऐसा होगा।’ भारत इससे पहले भी संयुक्त राष्ट्र समेत कई मंचों पर आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान पर सवाल उठाता रहा है।
जम्मू और कश्मीर में हमला
जम्मू और कश्मीर के पुंछ में हाल ही में सेना के काफिले पर हमला हुआ। उस दौरान पांच भारतीय जवान शहीद हो गए थे।
इस घटना के बाद से ही भारतीय पक्ष और भुट्टो के बीच द्विपक्षीय बैठक की संभावनाएं खत्म होती नजर आई थीं। 5 मई को बैठक में रूसी विदेश मंत्री सार्गेई लावरोव, चीन के किन गांग समेत कई विदेश मंत्री शामिल होंगे।
मिलेंगे जयशंकर और भुट्टो?
कहा जा रहा है कि एक ओर जहां अन्य मंत्रियों के साथ बैठक होना निश्चित है। वहीं, जयशंकर और भुट्टो के बीच चर्चा का कोई औपचारिक प्रस्ताव नहीं रखा गया है। हालांकि, दोनों की मुलाकात की संभावनाओं को पूरी तरह नहीं नकारा जा रहा है।
भारत ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को जुलाई में होने वाले शिखर सम्मेलन का न्योता भेजा है, लेकिन भारत लगातार इस बात को भी बरकरार रख रहा है कि एससीओ चार्टर के तहत की गई औपचारिकता को भारत के संपर्क साधने के प्रयास के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए।
खास बात है कि एससीओ चार्टर के चलते बिलावल बैठक में जम्मू और कश्मीर का मुद्दा नहीं उठा सकेंगे, लेकिन बैठक के पहले और बाद में उनके मीडिया इंटरव्यू पर भारत की नजरें होंगी।