अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, दिल्ली (AIIMS, DELHI) में अब कैंसर, किडनी, लीवर और हर्ट जैसे गंभीर बीमारी से जूझ रहे मरीजों को दवा के साथ-साथ अध्यात्म उपचार (Spiritual Treatment) से भी ठीक किया जाएगा।
देश के सबसे बड़े अस्पताल में इसकी शुरुआत भी हो चुकी है। यह सत्र महीने के किसी एक बुधवार को आयोजित किया जाएगा।
एम्स दिल्ली के मुताबिक, इस अध्यात्म शिविर में कैंसर, लीवर, ह्रदय और किडनी जैसे गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीजों को विभिन्न क्षेत्रों के एक्सपर्ट्स आंतरिक ऊर्जा बढ़ाने का गुर सिखाएंगे।
इस शिविर में मरीजों को बताया जाएगा कि आप अपने आंतरिक ऊर्जा को एक जगह कैसे केंद्रित करें।
एम्स दिल्ली ने हाल ही में दाजी ग्लोवल गाइड ऑफ हार्टफुलनेस संस्था के साथ समझौता किया है।
इस समझौते के तहत एम्स में इलाज करा रहे गंभीर बीमारी के मरीजों को मन की चेतना को एक विशेष अवस्था में लाने का प्रयत्न किया जाएगा।
इसमें मनुष्य के अंदर आंतरिक ऊर्जा का जागृत किया जाता है। इससे मरीजों को बीमारी से लड़ने की शक्ति मिलती है। इस दौरान एम्स दिल्ली शोध भी करेगा कि इन मरीजों को इस शिविर के कितना फायदा पहुंचा है।
गंभीर बीमारी से जूझ रहे मरीजों का अब ऐसे होगा इलाज
बता दें कि एम्स दिल्ली में हाल के दिनों में कई तरह के प्रयास शुरू हुए हैं। ऐसा ही एक प्रयास के तहत अब गंभीर मरीजों को एलोपेथ के साथ-साथ आयुर्वेद और अन्य तरह के प्राकृतिक चिकित्सा पद्धतियों के जरिए भी उपचार किया जाएगा।
एक्सपर्ट का कहना है कि अगर स्वास्थ्य में नेचुरोपैथी को आजमाया जाए तो इसमें मरीजों को लाभ मिलता ही है साथ ही एलेपैथी पर खर्च होने वाले 80 फीसदी बजट को भी बचाया जा सकता है।
डॉ एम श्रीनिवास के एम्स दिल्ली के नए निदेशक बनने के बाद कई तरह के बदलाव देखे जा रहे हैं। पिछले दिनों ही मरीजों और तीमारदारों के लिए एम्स कैंपस में इलेक्ट्रिक कार चलाने का फैसला किया गया था।
इसके साथ ही एम्स में मरीजों और तीमारदारों के साथ-साथ अस्पताल के डॉक्टर और अन्य स्टाफ के लिए दोपहिया वाहन की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई थी।
दिल्ली एम्स में एक पायलट प्रोजेक्ट के तहत आम लोगों के लिए साइकिल सुविधा भी शुरू की गई है।