यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद पहली बार उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) महासचिव जेन्स स्टोलटेनबर्ग गुरुवार को अचानक राजधानी कीव पहुंचे।
नाटो के एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। एपी की रिपोर्ट के मुताबिक, अधिकारी ने नाम सार्वजनिक नहीं करने का अनुरोध करते हुए बताया, “नाटो महासचिव यूक्रेन में हैं। हम जल्द से जल्द और अधिक जानकारी प्रदान करेंगे।”
स्टॉल्टनबर्ग युद्ध शुरू होने से पहले यूक्रेन गए थे, लेकिन युद्ध के बाद यह उनकी पहली यात्रा है। उनकी यह यात्रा यूक्रेन की स्वतंत्रता की रक्षा को लेकर नाटो की दीर्घकालिक प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
नाटो महासचिव जेन्स स्टोलटेनबर्ग के यूक्रेन पहुंचने की खबर लगते ही रूस ने हमले तेज कर दिए हैं। रूसी सेना ने पिछले दिनों अपने हमले बढ़ा दिए।
यूक्रेन के ओडसा में बुधवार को रूस ने ड्रोन से हमले किए। हमले में इलाके की एक बिल्डिंग भी प्रभावित हुई है जिसमें लोग रहते हैं।
यूक्रेनी वायु सेना के अधिकारी जनरल मायकोला ओलेशचुक का कहना है कि 12 में से 10 कामिकेज ड्रोन को हवाई सुरक्षा ने हवा में ही नष्ट कर दिए गए थे।
बता दें कि नाटो सुप्रीमो की यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब यूक्रेनी सेना एक बार फिर से रूसी सेना को पीछे खदेड़ रही है।
सर्दियों में रूसी सेना को विशेष रूप से बखमुत शहर के आसपास के क्षेत्र में बढ़ने से रोकने के बाद यूक्रेन से हौसले बुलंद हैं। 31 सदस्यीय नाटो ने रूसी आक्रमण से खुद को बचाने में यूक्रेन की सहायता करने की कसम खाई है।
रिपोर्टों के मुताबिक, स्टोलटेनबर्ग ने जुलाई में नाटो शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की से आग्रह किया है।
बता दें कि यूक्रेन ने नाटो सैन्य गठबंधन में शामिल होने का अनुरोध शुरू किया है। रूस इससे भड़का हुआ है।
अगर यूक्रेन किसी भी तरह नाटो का हिस्सा बन जाता है तो सभी नाटो देश उसकी खुलकर मदद करेंगे। नाटो संधि के मुताबिक, एक सदस्य देश पर हमला सभी सदस्य देशों पर हमला माना जाता है।