ब्रिटेन से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है।
यहां स्कूलों में मुस्लिम छात्र अपने हिंदू सहपाठियों पर इस्लाम कबूल करने का दबाव बना रहे हैं। ब्रिटिश मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, मुस्लिम छात्र हिंदू क्लासमेट्स को बुली होने बचने के लिए अपना धर्म बदलने के लिए कह रहे हैं।
हेनरी जैक्सन सोसाइटी द्वारा किए गए अध्ययन में पाया गया कि भारत में जो हो रहा है उसके लिए हिंदू छात्रों को “जिम्मेदार ठहराया” जा रहा है।
इसके लिए उन्हें दूसरे धर्मों के साथी विद्यार्थियों से नफरत का सामना करना पड़ रहा है। ऐसी घटनाएं हिंदू और मुस्लिम समुदायों के बीच सितंबर 2022 में लीसेस्टर में हुए बवाल के बाद और तेज हो गई हैं।
हिंदू-विरोधी नफरत का अनुभव कर रहे छात्र
द टेलीग्राफ ने हेनरी जैक्सन सोसाइटी की एक स्टडी के हवाले से लिखा कि सर्वे में शामिल लगभग आधे हिंदू माता-पिता ने यह माना कि उनके बच्चे ने स्कूलों में हिंदू-विरोधी नफरत का अनुभव किया है।
यहां हैरान कर देने वाला आंकड़ा यह है कि केवल 1 प्रतिशत से भी कम स्कूलों ने पिछले 5 वर्षों में हिंदू-विरोधी घटनाओं की सूचना दी है।
एक घटना में तो हिंदू छात्र पर बीफ (गाय का मांस) भी फेंका गया था। यह सब तब हो रहा है जब ब्रिटेन में हिंदू धर्म तीसरा सबसे बड़ा धर्म है और इसकी संख्या लगभग दस लाख है।
दंगों के बाद बढ़ीं घटनाएं
हेनरी जैक्सन सोसाइटी की रिसर्च में देश भर के 1,000 से अधिक स्कूलों का सर्वेक्षण किया गया। उन्होंने इस दौरान 988 हिंदू माता-पिता से भी बात की।
नतीजों से पता चला कि स्कूलों में बढ़ रहीं हिंदू विरोधी घटनाएं लीसेस्टर में हुए दंगों के बाद तेज हुई हैं।
लीसेस्टर में हुए दंगों को लेकर पुलिस ने पिछले सितंबर में 55 गिरफ्तारियां कीं थी। इन दंगों के दौरान सरकारी और निजी संपत्तियों में तोड़फोड़, हमले, छुरा घोंपना और पूजा स्थलों पर हमले शामिल थे।
हिंदू समुदाय के खिलाफ निकाली रैली
रिपोर्टों के मुताबिक, यह दंगा मुस्लिम और हिंदू समुदायों के युवाओं के बीच संघर्ष के चलते हुआ था। अब स्टडी में पाया गया कि दंगा लीसेस्टर में ‘हिंदू चरमपंथ’ होने का दावा करने वाले झूठे नैरेटिव से जुड़ा था।
इसी नैरेटिव के चलते स्कूलों में हिंदू छात्रों के साथ भेदभाव को बढ़ावा दिया जा रहा है। स्टडी के मुताबिक, हिंदू छात्रों को खूब बुली किया जा रहा है।
हिंदुओं के प्रति अपमानजनक घटनाओं के कई उदाहरण थे, जैसे कि उनके शाकाहारी होने का मजाक उड़ाना, देवी-देवताओं का अपमान करना, उन पर बीफ फेकना आदि। रिपोर्ट में कहा गया कि ऐसी घटनाएं लीसेस्टर में चरमपंथियों द्वारा हिंदू समुदाय के खिलाफ निकाली गई रैली के दौरान भी देखने को मिली।
“हिंदुओं को खा जाऊंगा”
स्टडी में पाया गया कि मुस्लिम विद्यार्थियों ने “काफिर” जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया। उन्होंने हिंदू छात्रों से कहा कि या तो वे इस्लाम कबूल कर लें नहीं तो “काफिरों की तरह दोजख” में जाएंगे। इसमें कई उदाहरणों का भी हवाला दिया गया। एक बच्चे को “परेशान किया गया।
उससे कहा गया कि अगर वह इस्लाम कबूल कर लेता है उसकी जिंदगी आसान हो जाएगी।” एक अन्य मामले में छात्र से कहा गया कि, “तू ज्यादा दिनों तक जिंदा नहीं रहेगा… यदि जन्नत में जाना चाहता है, तो इस्लाम में आना होगा। खाने के मामले में सबसे निचले भाग में हिंदू आते हैं जो शाकाहारी हैं, हम तुमको खा जाएंगे।”
एक अन्य माता-पिता ने कहा कि बच्चों को एक इस्लामिक उपदेशक के वीडियो देखने और “धर्म परिवर्तन करने के लिए कहा गया क्योंकि हिंदू धर्म का कोई मतलब नहीं है”।
शोधकर्ताओं को जेनेफोबिया के प्रमाण भी मिले, जिनमें ईसाई छात्र भी शामिल हैं। इसमें एक बच्चे ने कहा: “यीशु तुम्हारे देवताओं को नरक भेजेगा।” केवल मुस्लिम ही नहीं ईसाई छात्र भी धमका रहे हैं।