माफिया अतीक अहमद के हत्यारों में अरुण मौर्य सबसे छोटा है और महज 18 साल का है।
उसे लेकर हर दिन नए खुलासे हो रहे हैं। इस बीच पता चला है कि एक कमरे के घर में परिवार के साथ रहने वाले अरुण मौर्य को महंगी चीजें पसंद थीं।
यहां तक कि वह जूते तक 10 हजार रुपये के पहनता था। गरीबी और तंगहाली में बचपन गुजारने वाले अरुण मौर्य का अंदाज फरवरी 2022 में जेल जाने के बाद से बदल गया था।
कट्टे के साथ पकड़े जाने पर अरुण मौर्य को जेल हो गई थी और जब वह जमानत पर वापस लौटा तो एकदम बदल चुका था।
गोलगप्पे बेचने वाले कासगंज के दीपक कुमार का बेटा अरुण कुमार अब महंगे कपड़े जूते और होटलों में खाने-पीने का शौकीन हो गया था।
उसके शौकिया मिजाज का अंदाजा इस बात से भी लगा सकते हैं कि वह 10 हजार रुपये तक के जूते पहना करता था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अरुण मौर्य गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के कारनामों से प्रभावित था।
वह उससे मिलने की जुगत में लगा रहा करता था और बिश्नोई के गुर्गों से संपर्क साधने की कोशिश में था। उसकी लॉरेंस बिश्नोई से कभी मुलाकात हो पाई या नहीं, यह अब तक साफ नहीं हो पाया है।
अरुण मौर्य के पिता दीपक मां कैला देवी कई साल पहले गांव लौट आए थे। यहां अरुण के पिता ने गोलगप्पे बेचने का काम शुरू किया।
लेकिन अरुण मौर्य मां और पिता से अलग पानीपत में ही रहता था, जहां उसके दादा और चाचा का परिवार रहता है। यहीं पर अरुण एक फैक्ट्री में सिलाई का काम करता था और 10 हजार रुपये तक कमा लेता था।
लेकिन आपराधिक प्रवृत्ति के अरुण को हमेशा लग्जरी लाइफ का शौक रहा। इसी को पूरा करने के लिए वह अपराध के दलदल में फंसता चला गया।
दोस्त की शादी में जाने की बात कह पानीपत से निकला था
यही कुछ बड़ा करने की चाहत ही शायद अरुण मौर्य को अतीक अहमद और उसके भाई की हत्या तक ले गई। उसके दादा का कहना है कि अरुण मौर्य हत्या से करीब 10 दिन पहले पानीपत से यह कहकर निकला था कि वह एक दोस्त की शादी में दिल्ली जा रहा है।
तब से ही उससे संपर्क नहीं हो पा रहा था और अंत में यही खबर आई कि उसने अतीक अहमद की दो और लोगों के साथ मिलकर हत्या कर दी है। इस कांड के बाद से अरुण मौर्य के पिता भी परिवार सहित कहीं चले गए हैं।