माफिया से राजनेता बने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की गोली मारकर हत्या कर दी गई।
दोनों को रविवार को प्रयागराज के कसारी-मसारी कब्रिस्तान में दफन भी कर दिया गया। इससे पहले उमेश पाल हत्याकांड में आरोपी अतीक के बेटे असद को भी पुलिस कार्रवाई में मार गिराया गया था।
चंद दिनों के भीतर हुईं इन घटनाओं पर देश ही नहीं, विदेश की मीडिया ने भी कई आर्टिकल प्रकाशित किए हैं। पाकिस्तान, ब्रिटेन समेत विभिन्न देशों की मीडिया में अतीक-अशरफ हत्याकांड की कवरेज हुई है।
पाकिस्तान से छपने वाले ‘द डॉन’ ने अपनी वेबसाइट पर अतीक और अशरफ की मौत की खबर दी है। हेडलाइन में उसने लिखा है, ”भारत के पूर्व नेता और उसके भाई की टीवी पर लाइव गोली मारकर हत्या।”
इस खबर में उस पूरी घटना का जिक्र है, जब मीडिया कैमरों के सामने अतीक और अशरफ की हत्या कर दी गई थी। दोनों के मुस्लिम अल्पसंख्यक होने की भी बात की गई है। साथ ही, यह भी लिखा गया है कि दोनों भाई अपराध में बहुत गहराई से शामिल थे। पूर्व सांसद पर 100 से ज्यादा मामले दर्ज थे।
अल जजीरा में भी छपा अतीक मामला
‘अल जजीरा’ लिखता है कि किडनैपिंग मामले दोषी पूर्व भारतीय सांसद और उसके भाई की प्रयागराज में लाइव टीवी पर गोली मार दी गई। इस दौरान दोनों पुलिस कस्टडी में थे।
इससे उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं। इस आर्टिकल में भी अतीक और अशरफ के मुस्लिम मायनॉरिटी होने का जिक्र किया गया है।
अल जजीरा आगे लिखता है कि तथाकथित ‘पुलिस मुठभेड़ों’ में हाल के वर्षों में उत्तर प्रदेश में आरोपों का सामना कर रहे 180 से अधिक लोग मारे गए हैं।
2019 में, संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों ने भारत के सबसे अधिक आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश में ऐसी घटनाओं को लेकर चिंता जाहिर की थी।
स्वतंत्र एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स मॉनिटरिंग ग्रुप के अनुसार, पूरे भारत में सभी दलों के सैकड़ों नेताओं के खिलाफ आपराधिक मामले लंबित हैं।
बीबीसी ने अतीक पर क्या-क्या लिखा?
बीबीसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, ”भारतीय माफिया डॉन से राजनेता बने अतीक अहमद का सनसनीखेज हत्याकांड।” रिपोर्ट में यूपी के पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह से भी बात की गई है। उसमें विक्रम सिंह ने बीबीसी को बताया है कि अतीक अहमद की हत्या अस्वीकार्य है।
कस्टडी में मौत काफी खराब है और हत्या तो उससे भी बदतर है। सिंह ने अतीक को एक प्रकार का रॉबिन हुड, एक डॉ. जेकेल और हाइड प्रकार के चरित्र के रूप में वर्णित किया, जिन्होंने गरीब लोगों की मदद करने के लिए दिल खोलकर खर्च किया।
फिर चाहे शादियों के लिए भुगतान करना हो, ईद के त्योहारों के दौरान पैसे देना, और गरीब महिलाओं को उनके बच्चों की किताबें और स्कूल ड्रेस खरीदने में मदद करना आदि है।”
‘गरीब परिवार में पैदा हुआ था अतीक’
बीबीसी ने अपनी रिपोर्ट में यह भी लिखा है, ”60 वर्षीय अतीक प्रयागराज में एक गरीब परिवार में पैदा हुआ और स्कूल ड्रॉपआउट था, लेकिन सालों में उसने भारी संपत्ति अर्जित की, राजनीतिक संरक्षण और शक्ति का आनंद लिया और अपने जन्म और उसके बाद के शहर में अपार प्रभाव डाला।
1989 से शुरू होकर, वह शहर से राज्य विधानसभा के विधायक के रूप में पांच बार चुना गया और फिर 2004 में फूलपुर निर्वाचन क्षेत्र से सांसद भी बना।
रिपोर्ट में उसके ऊपर 100 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज होने का भी जिक्र किया गया है। इसके अलावा, किडनैपिंग, जमीन कब्जाने, हत्याओं, वसूली आदि का भी जिक्र है।