कहते हैं डूबते को तिनके का सहारा काफी है।
इस वक्त पाकिस्तान अपनी डूबती आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए खूब हाथ-पैर मार रहा है। आईएमएफ की तरफ से लोन का इंतजार करते-करते पाकिस्तान की आंखे तरस गई तो उसने अपने खास दोस्त चीन का रुख किया।
जहां चीन ने पाकिस्तान की माली हाल सुधारने के लिए 1.3 अरब डॉलर के कर्ज देने का वादा किया। अब वित्तीय संकट से घिरे पाकिस्तान के वित्त मंत्री इसहाक डार ने शुक्रवार को ऐलान किया कि संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने एक अरब डॉलर के वित्तपोषण को मंजूरी दे दी है।
इससे पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) से राहत पैकेज का किस्त मिलने की संभावना बढ़ गई है।
पाकिस्तान को आईएमएफ से 1.1 अरब डॉलर की आर्थिक मदद मिलने का इंतजार है। यह किस्त वर्ष 2019 में मुद्राकोष की तरफ से पाकिस्तान के लिए स्वीकृत 6.5 अरब डॉलर के राहत पैकेज का हिस्सा है।
उन्होंने कहा कि यूएई ने आईएमएफ से एक अरब डॉलर के वित्तपोषण की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि कर दी है। वित्त मंत्री ने ट्विटर पर लिखा, “यूएई के अधिकारियों ने आईएमएफ को बता दिया है कि वे पाकिस्तान को एक अरब डॉलर का द्विपक्षीय सहयोग देने जा रहा है।”
चीन से मिली सौगात
डार ने कहा कि अब स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) ने इस जमा राशि को यूएई के अधिकारियों से अपने पास लाने के लिए जरूरी कार्रवाई शुरू कर दी है।
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा कि एसबीपी को चीन के औद्योगिक एवं वाणिज्यिक बैंक (आईसीबीसी) से तीसरी एवं आखिरी किस्त के रूप में 30 करोड़ डॉलर का भुगतान भी मिलने वाला है। यह चीन से मिलने वाले 1.3 अरब डॉलर कर्ज का हिस्सा है।
साफ हुआ आईएमएफ से लोन का रास्ता
चीन और सऊदी अरब के बाद संयुक्त अरब अमीरात के इस आश्वासन के बाद पाकिस्तान को आईएमएफ से लोन मिलने का रास्ता काफी हद तक साफ हो गया है, बशर्ते आईएमएफ कोई नई शर्त ना रख दे।
पाकिस्तान पिछले कई महीनों से आईएमएफ प्रोग्राम में जाने के लिए संघर्ष कर रहा है और अगर डील पर बात बन जाती है, को आईएमएफ से पाकिस्तान को 1.1 अरब डॉलर का नया कर्ज मिलेगा।