खाड़ी देश बहरीन और कतर एक-दूसरे के साथ राजनयिक संबंध बहाल करने के लिए बुधवार देर रात तैयार हो गए।
बहरीन उन चार अरब देशों में से एक है, जिन्होंने 2017 में कतर से अपने सभी संबंध तोड़ लिए थे। ये देश 2011 की अरब क्रांति के बाद, कुछ देशों में सत्ता में आए इस्लामी संगठनों को कतर के समर्थन से नाराज थे।
कई देश इन संगठनों को आतंकवादी गुटों के रूप में देखते थे।
सऊदी अरब, मिस्र और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने 2021 की शुरुआत में कतर के साथ राजनयिक संबंधों की बहाली शुरू कर दी थी। हाल के महीनों में तीनों देशों के कई शीर्ष नेताओं ने कतर का आधिकारिक दौरा किया है।
बहरीन और कतर ने सऊदी अरब की राजधानी रियाद में खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) के मुख्यालय में अपने-अपने प्रतिनिधिमंडल के बीच हुई मुलाकात के बाद एक आधिकारिक बयान जारी कर आपसी राजनयिक संबंधों को बहाल करने के फैसले की घोषणा की।
जीसीसी छह देशों का एक समूह है, जिमें बहरीन और कतर भी शामिल हैं।
कतर के साथ बहरीन का विवाद ज्यादातर कतर के ईरान के साथ संबंधों और उनकी समुद्री सीमा के मुद्दों पर ही केंद्रित था। ईरान और सऊदी अरब के बीच क्षेत्रीय विवादों को सुलझाने के कई अन्य प्रयासों के बीच संबंधों की यह बहाली हुई है।