मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जगदलपुर में ’मुख्यमंत्री आदिवासी परब सम्मान निधि योजना’ का किया शुभारंभ…

विशिष्ट अतिथि श्रीमती प्रियंका गांधी की उपस्थिति में बस्तर संभाग की 1840 ग्राम पंचायतों को जारी की गई 5-5 हजार रूपए की अनुदान राशि।

प्रत्येक ग्राम पंचायत को प्रति वर्ष दो किश्तों में मिलेगी 10 हजार रूपए की राशि।

योजना के तहत आदिवासी पर्व एवं त्यौहारों के गरिमामय आयोजन के लिए राज्य शासन द्वारा ग्राम पंचायतों को दी जाएगी अनुदान राशि।

प्रदेश के समस्त अनुसूचित क्षेत्रों में लागू हुई योजना।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज बस्तर संभाग के मुख्यालय जगदलपुर के लाल बाग में आयोजित ‘भरोसे के सम्मेलन’ में  विशिष्ट अतिथि श्रीमती प्रियंका गांधी की उपस्थिति में ‘मुख्यमंत्री आदिवासी परब सम्मान निधि योजना’ का शुभारंभ किया।

बस्तर संभाग के 1840 ग्राम पंचायतों को 5-5 हजार रूपए की अनुदान राशि जारी

इस योजना के तहत आदिवासी पर्व एवं त्यौहारों के गरिमामय आयोजन के लिए राज्य शासन द्वारा ग्राम पंचायतों को अनुदान दिए जाने का प्रावधान है। योजना के शुभारंभ के अवसर पर मुख्यमंत्री बघेल ने बस्तर संभाग के 1840 ग्राम पंचायतों को प्रथम किश्त के रूप में 5-5 हजार रूपए की राशि जारी की।

योजना का उद्देश्य

’मुख्यमंत्री आदिवासी परब सम्मान निधि योजना’ के तहत अनुसूचित क्षेत्र के ग्रामों में जनजातियों के उत्सवों, त्यौहारों के मेला, मड़ई, जात्रा पर्व, सरना पूजा, देवगुड़ी, नवाखाई, छेरछेरा, अक्ती, हरेली आदि उत्सवों, त्यौहारों, संस्कृति को संरक्षित करने के उद्देश्य से प्रत्येक ग्राम पंचायत को प्रति वर्ष 10,000 रूपए की अनुदान राशि दो किश्तों में जारी की जायेगी।

मुख्यमंत्री आदिवासी परब सम्मान निधि का उद्देश्य आदिवासियों के तीज त्यौहारों की संस्कृति एवं परम्परा को संरक्षित करना एवं इन त्यौहारों, उत्सवों को मूल स्वरूप में आगामी पीढ़ी को हस्तांतरण तथा सांस्कृतिक परम्पराओं का अभिलेखन करना है।

मुख्यमंत्री ने की थी घोषणा, बजट में है प्रावधान

मुख्यमंत्री बघेल ने 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के अवसर पर आदिवासी समाज की संस्कृति और पर्वों की परम्परा के संरक्षण के लिए ’मुख्यमंत्री आदिवासी परब सम्मान निधि योजना’ की घोषणा की थी। वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट में इस योजना के लिए 5 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। यह योजना छत्तीसगढ़ के समस्त अनुसूचित क्षेत्र (अनुसूचित जनजाति विकासखण्ड) में लागू होगी।

योजना का क्रियान्वयन

योजना की इकाई ग्राम (गांव) होंगे। योजना के लिए नोडल एजेंसी मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत होंगे।

योजना के क्रियान्वयन के लिए ग्राम स्तरीय शासी निकाय एवं अनुभाग स्तरीय शासी निकाय का गठन किया जाएगा। निकाय का स्वरूप निम्नानुसार होगा-

ग्राम स्तरीय शासी निकाय में संबंधित ग्राम पंचायत के सरपंच अध्यक्ष होंगे। गायता, पुजारी, सिरहा, गुनिया, बैगा सदस्य होंगे। ग्राम स्तरीय शासी निकाय में ग्राम के दो बुजुर्ग, दो महिला, ग्राम कोटवार, पटेल और ग्राम पंचायत के सचिव सदस्य होंगे।

जनपद स्तरीय शासी निकाय में
अनुविभागीय अधिकारी, राजस्व अध्यक्ष होंगे और मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत इसके सदस्य सचिव होंगे।

जनपद स्तरीय शासी निकाय में जनपद पंचायत के अध्यक्ष, विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी, तहसीलदार सदस्य होंगे।

ग्राम में कौन-कौन से त्यौहारों में इस राशि का उपयोग किया जाना है इसका निर्धारण ग्राम स्तरीय समिति द्वारा किया जाएगा। जनपद स्तर पर इस योजना के क्रियान्वयन के निगरानी एवं समन्वय हेतु जनपद स्तरीय शासी निकाय उत्तरदायी होगा।

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