बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात के बाद विपक्षी एकजुटता की राजनीति और तेज हो गई है।
एक तरफ नीतीश कुमार ने दावा किया कि अभी और भी दल इकट्ठा होंगे तो वहीं भाजपा ने एकजुटता की बात को सिरे से खारिज कर दिया।
भाजपा का कहना है कि 2014 और 2019 में भी इसी तरह का प्रयोग किया गया था जो कि बुरी तरह फेल हो गया।
भाजपा नेता अमित मालवीय ने सोशल मीडिया पर नीतीश कुमार और राहुल गांधी की तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, और ना जाने किस-किस के सामने झुकेंगे नीतीश कुमार।
भाजपा नेता खुशबू सुंदर ने उनकी तुलना कौरवों से कर दी। उन्होंने कहा, ‘महाभारत के कौरवों की याद आ गई, कांग्रेस का अच्छा प्रयास है लेकिन सभी जानते हैं कि जीत किसकी हुई थी।’
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने इसे ‘ठगबंधन’ का नाम दिया और कहा कि ये सभी दल भ्रष्टचारा के कीचड़ में धंसे हुए हैं। बता दें कि बीते कुछ दिनों से विपक्ष के कई दल एकजुट होकर अडानी के मामले में जेपीसी बनाने और राहुल गांधी की सदस्यता छिनने के खिलाफ आवाज बुलंद कर रहे हैं।
नीतीश कुमार से मुलाकात के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस करके मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि आने वाले लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी पार्टियां एकजुट हो जाएंगी।
राहुल गांधी ने कहा कि यह बैठक ऐतिहासिक है और सभी पार्टियां मिलकर भाजपा का मुकाबला करेंगी।इस बैठक के बाद नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव अरविंद केजरीवाल से मिलने उनके आवास पर गए।
केजरीवाल ने कहा कि नीतीश कुमार सभी दलों को एक प्लेटफॉर्म पर लाने की कोशिश कर रहहे हैं और इस मुहिम में वह भी उनके साथ हैं।
नीतीश कुमार पहले भी इस तरह का प्रयास कर चुके हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि इसके पीछे उनकी कोई निजी महत्वाकांक्षा नहीं है। उन्होंने कहा था कि मैं प्रधानमंत्री पद के लिए चेरा भी नहीं बनना चाहता हूं।