दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होने का दावा करने वाले चीन में बैंकिंग और बीमा सेक्टर पर नया खतरा मंडरा रहा है।
राष्ट्रपति शी जिनपिंग की अगुवाई वाली सत्तारूढ़ चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की भ्रष्टाचार विरोधी कार्रवाई में बैंक और बीमा सेक्टर के करीब दर्जनभर अधिकारी लपेटे में आ गए हैं।
इस कार्रवाई से चीन में निवेशकों और आन्ट्रप्रनुर्स (entrepreneurs) में हड़कंप है और वे वित्तीय जोखिमों को लेकर परेशान हैं।
CNN की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कम्युनिस्ट पार्टी की शीर्ष भ्रष्टाचार रोधी एजेंसी, सेंट्रल कमीशन फॉर डिसीप्लीन इन्स्पेक्शन (CCDI) ने इस साल अब तक देश के सबसे महत्वपूर्ण वित्तीय संस्थानों के एक दर्जन से अधिक वरिष्ठ अफसरों की जांच की है।
CCDI की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी का विश्लेषण करने वाली रिपोर्ट में कहा गया है कि देश के सबसे पुराने और सबसे बड़े सरकारी स्वामित्व वाले वित्तीय समूहों में से एक चाइना एवरब्राइट ग्रुप के पूर्व अध्यक्ष ली शियाओपेंग सहित देश के तीन शीर्ष वित्तीय और बैंकिंग अधिकारियों के खिलाफ जांच की जा रही है।
आयोग ने बुधवार को एक संक्षिप्त बयान में कहा कि ली शियाओपेंग पर “कानून और अनुशासन के गंभीर उल्लंघन” का संदेह है और उनकी जांच की जा रही है।
बता दें कि चाइना एवरब्राइट ग्रुप एक सरकारी स्वामित्व वाला उपक्रम है,जिसके पास 55.67 फीसदी हिस्सा है। यह सेंट्रल ह्यूजिन इन्वेस्टमेंट की सहायक कंपनी है। शेष हिस्सेदारी चीन के वित्त मंत्रालय के पास थी, जिसे सेंट्रल हुइजिन ने 8 दिसंबर 2014 को अधिग्रहित कर लिया।
उधर, एवरब्राइट ने एक बयान में कहा कि वह पार्टी के फैसले का “पूरी तरह से समर्थन” करता है। बयान में कहा गया है कि ली जांच में “पूरा सहयोग” करेंगे, जिन्होंने मार्च 2022 में इस्तीफा देने से पहले चार साल तक बैंक का अध्यक्ष पद संभाला है।
पिछले शुक्रवार को, शी जिनपिंग प्रशासन के अधिकारियों ने देश के चौथे सबसे बड़े ऋणदाता,यानी सरकारी स्वामित्व वाले बैंक ऑफ चाइना के पूर्व अध्यक्ष लियू लियांग के खिलाफ भी जांच शुरू की है। लियू ने पिछले महीने इस्तीफा दे दिया था।
उनसे पहले 2018 से 2022 तक चाइना लाइफ इंश्योरेंस के अध्यक्ष रहे वांग बिन पर भी CCDI की चाबुक चली है। उन पर राष्ट्रीय अभियोजकों ने रिश्वत लेने और विदेशी बचत को छिपाने का आरोप लगाया है।
सीसीडीआई ने पहली बार जनवरी 2022 में उनकी जांच की थी। चीनी विश्लेषकों का कहना है कि फरवरी से लापता चल रहे स्टार इन्वेस्टमेंट बैंकर और तकनीकी क्षेत्र की बड़ी हस्ती बाओ फैन के भी इसके लपेटे में आने की आशंका है।
विश्लेषकों के मुताबिक चीनी सरकार की इस चाबुक का बुरा असर वहां की अर्थव्यवस्था पर देखने को मिल सकता है। पिछले ही हफ्ते CCDI ने 30 से ज्यादा सरकारी स्वामित्व वाले फर्मों की जांच के आदेश दिए हैं।
इनमें चाइना इन्वेस्टमेंट कॉर्प, देश का संप्रभु धन कोष, चाइना डेवलपमेंट बैंक, जो प्रमुख सरकारी परियोजनाओं के लिए वित्तपोषण प्रदान करता है और एग्रीकल्चर बैंक ऑफ चाइना,जैसे वित्तीय दिग्गज संस्थान शामिल हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्तीय संस्थानों पर नकेल कसने की कार्यवाही अक्टूबर में शी जिनपिंग के ऐतिहासिक तीसरे कार्यकाल की घोषणा के कुछ महीने बाद शुरू हुई है क्योंकि शी ने चीनी अर्थव्यवस्था पर पार्टी की पकड़ मजबूत करने के लिए अपनी नीति पहले से कठोर कर ली है।