30 साल पहले वाला ‘टेरर प्लान’ अपना रहा पाक, अब तैयार करना चाहता है कई अमृतपाल, जानें ISI के खौफनाक इरादे…

पंजाब में 1993 में आतंकवाद खत्म होने के बाद आज भी पाकिस्तान भारत में खालिस्तान के मुद्दे को जीवित रखना चाहता है।

पंजाब में 1993 में आतंकवाद लगभग खत्म हो चुका था, इसके बाद अंतिम बड़ी घटना 1995 में मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या थी।

इसी दौरान करीब 30 साल पहले पाकिस्तान की आईएसआई ने एक दर्जन से ज्यादा मोस्ट वांटेड खालिस्तानी आतंकियों को अपने देश में पनाह दी थी। इनमें खालिस्तानी संगठनों के पांच प्रमुख भी शामिल थे।

इन मोस्ट वांटेड आतंकियों में कुछ तो उम्रदराज हो चुके हैं और अन्य देशों में भी इनके मौजूद होने की खबरें आती रही हैं।

अब इन्हीं आतंकियों के जरिए पाकिस्तान खालिस्तान के मुद्दे को जीवंत रखकर कई अमृतपाल जैसे खालिस्तानी समर्थकों को तैयार करके पंजाब को दोबारा आतंकवाद के काले दौर की तरफ धकेलना चाहता है।

आईएसआई के सीधे संपर्क में हैं पुराने आतंकी
पंजाब के पूर्व डीजीपी स्वर्गीय केपीएस गिल और डॉ। अजय साहनी द्वारा स्थापित इंस्टीट्यूट ऑफ कॉन्फ्लिक्ट मैनेजमेंट (Institute for Conflict Management) के साउथ एशिया टेररिज्म पोर्टल (South Asia Terrorism Portal) जानकारी के मुताबिक करीब 30 साल पहले भारत से पाकिस्तान भागे एक दर्जन से ज्यादा खालिस्तानी आतंकी और उनके संगठनों के आईएसआई के सीधे संपर्क में हैं।

लाहौर में बसाए थे पांच संगठनों के प्रमुख
भारत सरकार के दस्तावेजों के मुताबिक पंजाब से आतंकवाद का खात्मा होने के बाद खालिस्तानी संगठनों के इन पांचों प्रमुखों को पाकिस्तान के लाहौर में बसाया गया था, जबकि कई अन्य आतंकवादियों ने पाकिस्तान पहुंचने के बाद अन्य देशों में अपने नाम बदलकर नागरिकता हासिल की थी।

बहुत से आतंकियों पर हत्या, हाईजैकिंग, बम ब्लास्ट और देशद्रोह के मुकदमे दर्ज हैं। ऐसा नहीं कि भारत ने इन आतंकियों को वापस देश में लाकर कानूनी कार्रवाई करने के प्रयास नहीं किए।

केंद्र सरकार ने 20 आतंकवादियों के प्रत्यर्पण के लिए कहा था
केंद्र सरकार ने पाकिस्तान को करीब  20 आतंकवादियों प्रत्यर्पण के लिए कहा था, लेकिन पाकिस्तान ने उल्टा इन आंकवादियों को भरोसा दिलाया था कि वे यहां सुरक्षित हैं और भारत की इस मांग को स्वीकार नहीं करेगा।

पाकिस्तान को जब भी पंजाब में माहौल शांत दिखाई देने लगता है, तो आईएसआई  इन आतंकियों पर पाकिस्तान छोड़ने का दबाव बनाती है और इन्हें कहती है कि या तो भारत पर हमला करो या फिर हमारा देश छोड़ दो।

एजेंसियों के पास हैं आतंकियों के पाकिस्तान के पते
साउथ एशिया टेररिज्म पोर्टल की एक रिपोर्ट के मुताबिक जिन खालिस्तानी आतंकियों को करीब दो 30 साल पहले पाकिस्तान ने पनाह दी थी, उनके उस वक्त के पते भी भारत की खुफिया एजेंसियों के पास मौजूद हैं। भारत इन आतंकियों को उकसाने के लिए कई बार पाकिस्तान को चेतावनी दे चुका है, लेकिन पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है।

रिपोर्ट के मुताबिक पिछले दो दशकों से पाकिस्तान और अन्य देशों में सिख आतंकवादियों और कश्मीरी अलगाववादी संगठनों के बीच आईएसआई ने मजबूत सांठगांठ पैदा की है।

1। पंजाब का पता: वाधवा सिंह उर्फ चाचा पुत्र अमर सिंह, ग्राम संधू चट्ठा, जिला कपूरथला।
संगठन: बब्बर खालसा इंटरनेशनल प्रमुख (बीकेआई)
पाकिस्तान का पता: इमरान खान, कैंसर अस्पताल, मुल्तान रोड, लाहौर के पास वलंशा कॉलोनी।

2।जम्मू का पता: रणजीत सिंह उर्फ नीटा पुत्र दर्शन सिंह, निवासी सिम्बल कैंप, आरएस पुरा, जिला जम्मू। –
संगठन: खालिस्तान जिंदा फोर्स प्रमुख (केजेएफ)
पाकिस्तान का पता: भाखड़ा कोठ, सेना छावनी, लाहौर के पास।

3 पंजाब का पता: परमजीत सिंह पंजवड़ पुत्र कश्मीरा सिंह, गांव पंजवड़, जिला अमृतसर।
संगठन: खालिस्तान कमांडो फोर्स प्रमुख (केसीएफ)
पाकिस्तान का पता: टाउनशिप क्षेत्र, अकबर चौक, नेसपैक कॉलोनी, लाहौर।

4।पंजाब का पता: गजेन्द्र सिंह के पुत्र मनोहर सिंह, निवासी 3646 सेक्टर 23-डी, चंडीगढ़।
संगठन: दल खालसा इंटरनेशनल:
पाकिस्तान का पता: केयर ऑफ आइमैथ-बारनी, 538 / एन, उस्मानाबाद, लाहौर।

5 पंजाब का पता: लखबीर सिंह रोड पुत्र जागीर सिंह, ग्राम रोड, जिला मोगा।
संगठन: आई।एस।वाई।एफ
पाकिस्तान का पता:  हाउस नंबर 20, पीआईए कॉलोनी, रक्षा, लाहौर।

पंजाब में खालिस्तानी आंदोलन को दोबारान जीवित करने की चाहत!
सूत्रों का कहना है कि उक्त पांच प्रमुखों के अलावा करीब एक दर्जन आतंकियों की सूची भी एजेंसियों के पास है, जो 1993 के बाद पाकिस्तान भाग गए थे।

अब यह खालिस्तानी आतंकी कई देशों में फैल चुके हैं और नए सिरे से पंजाब में खालिस्तानी आंदोलन को दोबारा से जीवित करने में लगे हैं।

यह सभी पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के संपर्क में है और इन्हें पंजाब में दोबारा से आतंक फैलाने के लिए उकसाया जा रहा है।

पाकिस्तान की साजिश का शिकार है अमृतपाल!
“वारिस पंजाब दे” के प्रमुख और भगौड़ा खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल भी पाकिस्तान की साजिश का शिकार बताया जा रहा है।

गौरतलब है कि हाल ही में देश की खुफिया एजेंसियों के इनपुट के मुताबिक अमृतपाल के पाकिस्तान की आईएसआई के साथ सीधे तार जुड़े हुए थे।आईएसआई ने अमृतपाल को पूर्वी यूरोप के देश जॉर्जिया में भारत में आतंक फैलाने के लिए ट्रेनिंग दी थी।अमृतपाल को वेपन ट्रेनिंग के साथ भारत में कैसे माहौल खराब किया जाए इस बात का पूरा प्रशिक्षण दिया था।

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