भिलाई नगर निगम के आयुक्त रोहित व्यास ने 8 की जगह 9 भाजपा पार्षदों के खिलाफ बर्खास्तगी की कार्रवाई के लिए संभागायुक्त को पत्र लिखा है।
एक तरफ जहां शहर सरकार का यह कहना है कि भाजपा पार्षदों ने सदन में अमर्यादित व्यवहार किया है, इसके चलेत यह कार्रवाई की गई है।
वहीं नेता प्रतिपक्ष भेजराज सिन्हा का कहना है कि ये कार्रवाई भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी आवाज को दबाने के लिए की जा रही है। सिन्हा का कहना है कि वो इस कार्रवाई के खिलाफ कोर्ट में जाएंगे और महापौर सहित दो अन्य के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराएंगे।
भाजपा पार्षदों के खिलाफ कार्रवाई के लिए सोमवार की शाम बैठक बुलाई गई थी। इस बैठक के बाद निगम आयुक्त रोहति व्यास ने पत्र भेजा है।
निगम आयुक्त ने पत्र में लिखा कि 31 मार्च को भिलाई नगर निगम की बजट बैठक बुलाई गई थी। सुबह 11 बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू की गई।
निगम के नेता प्रतिपक्ष व पार्षद भोजराज सिन्हा, विनोद सिंह, पीयुष मिश्रा, स्मिता दोड़के, वीणा चंद्राकर, सत्यवती जायसवाल, गिरजा बंछोर, महेश वर्मा और संतोष मौर्य ने सदन में अमर्यादित व्यवहार किया।
उनके द्वारा सदन की कार्यवाही को रोकने का प्रयास किया गया। ये संसदीय आचरण के विपरीत है। इसलिए इन सभी नौ पार्षदों के खिलाफ धारा 19ख की कार्रवाई की जाए।
निगम आयुक्त के द्वारा जैसे ही लेटर जारी किया गया, भाजपा पार्षदों में हड़कंप मच गया। सभी नौ पार्षद इस विचार विमर्स और वरिष्ठों से राय लेने में लग गए हैं कि इस समस्या से कैसे बचा जाए।
नेता प्रतिपक्ष भोजराज ने भास्कर को बताया कि ये लोकतंत्र है। सभी को अपनी बात रखने का अधिकार है। उन्होंने सदन की गरिमा का कहीं से भी हनन नहीं किया है।
वो अपनी बात संभागायुक्त के सामने रखेंगे। इतना ही नहीं यदि उनके साथ गलत हुआ तो वो इस मामले को लेकर कोर्ट की शरण में भी जाएंगे।
भिलाई महापौर और दो अन्य के खिलाफ एफआईआर की प्लानिंग
नेता प्रतिपक्ष भोजराज सिन्हा का कहना है कि सेक्टर 7 में निर्माणाधीन इंडोर स्टेडियम ढहने के मामले को महापौर दबाने में लगे हुए हैं।
इसके लिए उन्होंने निगम के एक ठेकेदार और अपने एक आदमी के हाथों भाजपा के सभी पार्षदों को जूसर मिक्सर ग्राइंडर भिजवाया था।
उन्होंने ये रिश्वत इसलिए दिया कि वो इस मामले में अपनी आवाज दबा लें। लेकिन भाजपा पार्षदों ने ऐसा न करते हुए सदन के अंदर उसे लौटा दिया।
महापौर ने सदन के सदस्यों को रिश्वत देने का प्रयास किया तो उसे सदन में ही वापस कर दिया गया। ये कहीं से अवमानना की श्रेणी में नहीं आता।
उनके पास इसके पूरे सबूत हैं। उन्होंने कहा कि वो लोग एक बैठक करेंगे और सभी एकराय हुए तो इन सबूतों के साथ सभी पार्षद आवास के क्षेत्र में आने वाले थाने में जाएंगे और महापौर सहित उस निगम ठेकेदार और महापौर आवास में काम करने वाले कर्मचारी के खिलाफ रिश्वत देने का मामला दर्ज कराएंगे।
भाजपा पार्षदों के सिर्फ एक धड़े पर कार्रवाई क्यों?
भिलाई नगर निगम के भाजपा पार्षद दो धड़ों में बंटे हुए हैं। पहला धड़ा नेता प्रतिपक्ष भोजराज सिन्हां का है और दूसरा ग्रुप उप नेता प्रतिपक्ष दया सिंह का है।
जिन भाजपा पार्षदों के ऊपर कार्रवाई हुई है उनके बीच ऐसी चर्चा है कि निगम आयुक्त ने जिन 9 नामों को भेजा है वो नेता प्रतिपक्ष भेजराज सिन्हा सहित उनके पक्ष के पार्षद हैं।
उनका कहना है कि सदन में हंगामा सभी भाजपा पार्षदों के द्वारा किया गया तो फिर कार्रवाई सभी के खिलाफ होनी थी।
भाजपा पार्षदों का कहना है कि उनके पास सदन की कार्रवाई का एक वीडियो है, जिसमें महापौर नीरज पाल उप नेता प्रतिपक्ष दया सिंह के कान में कुछ कहते हुए दिख रहे हैं।
इससे यह भी आशंका दिखाई दे रही है कि कहीं निगम सरकार के साथ भाजपा के दूसरे गुट के पार्षद भी तो नहीं मिले। इस वीडियो को भाजपा के आला नेताओं और संगठन के सामने भी रखे जाने की बात कही जा रही है।
हालांकि उप नेता प्रतिपक्ष दया सिंह का कहना है कि वो इस कार्रवाई के खिलाफ हैं। उनकी ताकत को आधा करने की कोशिश की जा रही है। वो अपने साथियों के साथ हर लड़ाई में खड़े हैं।