छत्तीसगढ़ में दुर्ग जिले के नगपुरा गांव में 6 माह के बच्चे का पहले अपहरण किया गया, उसके बाद उसे जिंदा तालाब में फेंक दिया गया।
पानी में डूबने से उसकी मौत हुई। यह खुलासा पोस्टमार्टम रिपोर्ट से हुआ है। अब दुर्ग पुलिस उस आरोपी का पता लगाने में जुट गई है, जिसने यह अमानवीय कृत्य किया है।
भिलाई नगर सीएसपी निखिल रखेचा और दुर्ग सीएसपी वैभव बैंकर खुद इस मामले की तहकीकात में लगे हुए हैं। उनसे मिली जानकारी के मुताबिक पीएम रिपोर्ट आ गई है।
रिपोर्ट से पता चला है कि बच्चे की मौत तालाब के पानी में डूबने से हुई है। इससे साफ हो गया है कि किसी ने रंजिश में बच्चे का पहले अपहरण किया, उसके बाद उसे अपने साथ ले जाकर जिंदा तालाब में फेंक दिया।
यह किसने किया इसका पता लगाने के लिए पुलिस परिवार, रिश्तेदारों और गांव वालों से पूछताछ कर रही है। इसके साथ पुलिस घटना समय में घटना स्थल के आसपास एक्टिव मोबाइल का सीडीआर और लोकेशन भी निकाल रही है।
पुलिस की अब तक की जांच यह पता चला है कि इस वारदात में किसी नजदीकी का हाथ है। पुलिस का दावा है कि वो जल्द ही आरोपी को गिरफ्तार कर लेगी।
हिर्री निवासी दिलीप यादव का 6 माह का बच्चा नगपुरा से बीती रात चोरी हो गया था। दिलीप ने पुलिस को बताया कि उसकी पत्नी मालती यादव को डिलीवरी होनी थी।
इसके लिए वो अपने मायके नगपुरा गई हुई थी। डिलीवरी के बाद वहीं रहकर इलाज करा रही थी। 30-31 मार्च की रात करीब तीन बजे मालती शौच के लिए उठी।
उसने 6 माह के बच्चे सिद्धार्थ यादव को वहीं सुलाया और अपनी मां मुन्नी बाई के साथ शौच के लिए चली गई।
थोड़ी देर बाद जब वो वहां लौटी तो देखा की बच्चा बिस्तर में नहीं है। मालती ने बच्चे को आसपास खोजा जब वो नहीं दिखा तो उसने अपनी मां और भाई हीरेंद्र यादव को बताया।
इसके बाद उन लोगों ने नगपुरा चौकी जाकर मामले की शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद अगले शनिवार सुबह बच्चे का शव पास के तालाब में मिला।