केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के “मोदी को फंसाओ” वाले बयान पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पलटवार किया है।
दिल्ली पुसिल की ओर से राहुल गांधी पर की गई कार्रवाई से नाराज गहलोत ने कहा कि जिस तरह पुलिस ने बयान को आधार बनाकर राहुल से पूछताछ की है, ठीक वैसे ही उन्हें अमित शाह से भी पूछताछ करनी चाहिए कि आखिर सीबीआई के वे कौन से अधिकारी थे जिन्होंने उन्हें गुजरात में हुए फेक एंकाउंटर मामले में पीएम मोदी (तक के गुजरात सीएम) का नाम लेने को कहा था।
गहलोत ने कहा कि अगर दिल्ली पुलिस कांग्रेस नेता राहुल गांधी से जम्मू-कश्मीर की उन महिलाओं का ब्योरा मांग सकती है, जिन्होंने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है, तो वही पुलिस निश्चित रूप से अमित शाह से उन अधिकारियों के नाम मांग सकती है, जो उन्हें नरेंद्र मोदी (2014 में प्रधानमंत्री बनने से पहले) को फंसाने के लिए कह रही थी।
गौरतलब है कि भारत जोड़ो यात्रा के दौरान, राहुल गांधी ने आरोप लगाया था कि केंद्र शासित प्रदेश में “महिलाओं का अभी भी यौन उत्पीड़न किया जा रहा है”।
यात्रा की खत्म होने के 45 दिन बाद, दिल्ली पुलिस उन्हें पहले नोटिस दी, फिर एक टीम ने पांच दिनों में तीन बार उनसे इसी मामले में उनके घर जाकर पूछताछ की।
इस कार्रवाई को कांग्रेस ने उत्पीड़न करार दिया है। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि अगर बीजेपी नेता सार्वजनिक कार्यक्रमों में विवादित टिप्पणी करेंगे तो पुलिस ऐसा कुछ नहीं करेगी।
गहतोल ने कहा, “महिलाओं ने कश्मीर में राहुल गांधी से क्या कहा? यही कि उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया है, उन्हें प्रताड़ित किया गया है। और उसके बाद क्या हुआ- राहुल गांधी के दरवाजे पर दिल्ली पुलिस पहुंच गई। राहुल ने कहा कि वो पुलिस के नोटिस का जवाब देंगे, लेकिन पुलिस फिर से उनके घर आ गई।”
राजस्थान सीएम ने कहा, ” ऐसे में क्या दिल्ली पुलिस अमित शाह को भी यह कहने के लिए नोटिस भेजेगी कि सीबीआई (केंद्रीय जांच ब्यूरो) उन पर गुजरात में एक कथित फर्जी मुठभेड़ मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फंसाने के लिए दबाव डाल रही थी, जब कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के दौरान जांच एजेंसी द्वारा उनसे पूछताछ की जा रही थी।
मैं ये पूछ रहा हूं कि क्या दिल्ली पुलिस वैसे ही अमित शाह से पूछताछ करेगी जैसे उन्होंने राहुल गांधी से पूछताछ की थी? मुझे लगता है कि उन्हें करना चाहिए।”
बता दें कि अमित शाह ने कल ‘न्यूज 18 राइजिंग इंडिया’ कार्यक्रम में आरोप लगाया कि जब यूपीए सत्ता में था तब सीबीआई ने गुजरात में एक फर्जी मुठभेड़ मामले में पीएम मोदी को फंसाने के लिए उन पर दबाव डाला था।
गृह मंत्री विपक्ष के इन आरोपों पर पूछे गए एक सवाल का जवाब दे रहे थे कि झूठे मुकदमों से उन्हें बार-बार परेशान करने के लिए केंद्रीय एजेंसियों को भेजा जाता है।