तमिलनाडु (Tamil Nadu) की वेल्लोर पुलिस ने 27 मार्च को वेल्लोर फोर्ट कॉम्प्लेक्स (Vellore Fort) में एक महिला को उसका हिजाब (Hijab) हटाने के लिए मजबूर करने के आरोप में एक किशोर और 6 लोगों को गिरफ्तार किया है।
पुलिस अधिकारियों के अनुसार भारतीय दंड संहिता (IPC) की अलग-अलग धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। आरोपियों ने इस पूरे मामले का वीडियो भी बनाया था। और इसको सोशल मीडिया पर भी वायरल कर दिया था।
तमिलनाडु पुलिस के मुताबिक इस मामले में पकड़े गए आरोपियों में हिजाब (Hijab) नहीं उतारने की इच्छुक महिला के साथ जबर्दस्ती करने वालों में 17 वर्षीय एक नाबालिग भी है जिसको बाल सुधारगृह में भेज दिया गया है।
बाकी अन्य छह आरोपियों इमरान बाशा (22), अशरफ बाशा (20), मोहम्मद फैजल (23), संतोष (23), इब्राहिम बाशा (24), और प्रशांत (20) को गिरफ्तार कर रिमांड पर लिया गया है।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि ज्यादातर युवा ऑटोरिक्शा चालक थे और उन्होंने कम से कम तीन हिजाब पहनने वाली महिलाओं को निशाना बनाया था, जो किले का दौरा कर रही थीं।
इस मामले में वेल्लोर जिला के पुलिस अधीक्षक एस राजेश कन्नन ने जानकारी दी है कि गत 27 मार्च को हुई इस घटना के पीछे के मकसद की जांच की जा रही है।
उन्होंने कहा कि जनता से अनुरोध है कि वे सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए वीडियो को साझा न करें। नहीं तो साइबरबुलिंग और आईटी अधिनियम के तहत मामले दर्ज किए जाएंगे।
वायरल हुए वीडियो में अपराधियों को महिला के दोस्त से यह पूछते सुना जा सकता है कि क्या हिजाब पहनी महिला को बाहर ले जाना उसके लिए उचित था।
इस घटना के बाद 16वीं शताब्दी के फोर्ट में सुरक्षाकर्मियों की संख्या को बढ़ाया गया है और पुलिस अधीक्षक के आदेश पर स्मारक में आने वाले आगंतुकों के लिए हेल्प डेस्क भी स्थापित की गई है।
एसपी कन्नन ने पत्रकारों को बताया कि इस पुलिस सहायता बूथ को स्थायी बनाया जाएगा। जनता की सुविधा के लिए बूथ पर पुलिस अधिकारियों के फोन नंबर भी जारी किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि किसी भी अप्रिय घटना को रोकने और पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए किले पर अतिरिक्त पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है। उन्होंने बताया कि इस पूरे मामले में मकसद क्या था, इसकी जांच की जा रही है।
इसके बाद चार्जशीट में उसका जिक्र किया जाएगा।